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________________ १५८ समस्या को देखना सीखें शुभकरण ने कहा- “मैं ऐसा नहीं मानता । तुम मुसलमान हो । कुरान की कसम खाओ और कहो, अब मैं सिगरेट नहीं पीऊंगा।" वह युवक सीट से उठा और पैर छूकर बोला- “मैं कुरान की कसम खाकर कहता हूं कि अब नहीं पीऊंगा ।" ___ यह अनुलाम-विलोम श्वास का प्रयोग इतना महत्त्वपूर्ण है कि इससे आदत छूट जाती है। कायोत्सर्ग कायोत्सर्ग नशा-मुक्ति का अचूक उपाय है । कई लोगों पर इसका प्रयोग किया जाता रहा है। अधिक से अधिक लोगों तक यह बात पहुंचाई जा रही है । एक बात तो साफ है कि आदमी चिंता में ज्यादा नहीं जी सकता । उसके लिए ही वह शरीब पीता है | क्या ध्यान भी कोई कम शराब है ? ध्यान मनुष्य को एक ऐसी मस्ती में ले जाता है कि वह एक अलग ही दुनिया है । वहां जाने पर सारी चिंताएं मिट जाती हैं । सारे तनाव समाप्त हो जाते हैं । इस सच्चाई को उजागर किया जाए । केवल उपदेश ही न दिए जाएं अपितु प्रयोग करवाए जाएं । इससे मनुष्य-मनुष्य का भला होगा । एक शक्तिशली वातावरण का निमाणि होगा और लोगों को अपनी अपनी आदतों से बचने का तरीका उपलब्ध हो सकेगा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003134
Book TitleSamasya ko Dekhna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages234
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size9 MB
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