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किसने कहा मन चंचल है
• इन्द्रिय-चेतना के प्रति जागरूकता - वृत्ति को देखना : इन्द्रियचेतना द्वारा होने वाली प्रत्येक प्रवृत्ति को देखना |
०
प्रतिसंलीनता
० इन्द्रिय, शरीर, वाणी, मन और श्वास की सक्रियता प्राण के
द्वारा ।
● प्राण धारा को खींच लेने पर वे निष्क्रिय हो जाते हैं ।
• संकल्प-शक्ति के द्वारा
o
तन्मूत्ति ध्यान के द्वारा • एकाग्रता के द्वारा
• संयम के अर्थ
० अस्वीकार -- इच्छा उत्पन्न हो उसका उत्तर न दें ।
• सतत संकल्प -- दृढ़ निश्चय करें। इतना दृढ़ निश्चय करें जिससे
वातावरण या व्यक्ति आन्दोलित हो जाए ।
• दीर्घकालिक एकाग्रता ।
तन्मूत्ति ध्यान - लक्ष्य के रूप में स्वयं का परिणमन ।
ज्ञान-तन्तुओं को कृत्य का निर्देश ।
o
०
ज्ञाता द्रष्टा का प्रयोग
प्राण-शक्ति को खींचकर किसी एक बिंदु पर ले जाएं।
• मन को भीतर ले जाएं ।
• अपने ज्ञाता द्रष्टा स्वरूप का अनुभव करें । • वृत्तियों को तटस्थभाव से देखते जाएं ।
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