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प्रवचन २६ ।
| संकलिका
शक्ति और समता की धारा एक साथ बहती है तब मानसिक स्वास्थ्य घटित होता है। समता की साधना के सूत्र ही मानसिक स्वास्थ्य की साधना के सूत्र
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• अपने-आप को जानें--अपनी क्षमता अक्षमता को जानें । • अपने कृत के परिणामों को स्वीकार करें। ० सत्य (सार्वभौम नियमों) के प्रति समर्पित रहें। ० सहिष्णुता को विकसित करें। • अपना यथार्थ रूप प्रस्तुत करें। पर्सनेलिटी पेरामीटर इससे व्यक्तित्व का अङ्कन और मानसिक स्वास्थ्य की परख होती है । इसके छह संकेत-बिन्दु हैं१. वेशभूषा-कपड़े कैसे पहनता है ? अपने प्रति कितना सजग है ? २. व्यवहार-विभिन्न परिस्थितियों में कैसा व्यवहार करता है ? ३. विचार--अपने बारे में तथा दूसरे के बारे में कितना सामञ्जस्य
स्थापित कर पाता है ? ४. प्रतिक्रिया-उतार-चढ़ाव या विभिन्न परिस्थितियों की क्या
प्रतिक्रिया होती है ? ५. स्वभाव कैसा है ?-आशा, निराशा, मिलनसारिता । ६. निर्णय-शक्ति-व्यक्तिगत और सामाजिक-दोनों स्तर पर ।
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