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________________ धर्म और शान्ति एक पिता ने अपने चार पुत्रों को बुलाया, उनसे पूछा-'बताओ, सबसे अच्छा मौसम कौन-सा होता है ? पहला पुत्र बोला- 'सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है। न पसीना आता है, न लुएं चलती हैं, न धूल भरी आंधियां आती हैं, दिमाग भी बहुत ठंडा रहता है। दूसरे ने कहा--'सर्दी के मौसम की बात से मैं सहमत नहीं हूं। मेरी दृष्टि में गर्मी का मौसम सबसे अच्छा होता है। सर्दी में ढेर सारे कपड़ों में भी कंपकंपी छूटती रहती है। बिना पर्याप्त व्यवस्था के कहीं बाहर जा भी नहीं सकते, इसलिए मेरी दृष्टि में गर्मी का मौसम सबसे अच्छा है,।' तीसरे ने कहा- 'सबसे अच्छा मौसम है बरसात का। न अधिक सर्दी, न अधिक गर्मी। घिरी हुई काली घटाएं और बरसते पानी की फुहारें किसे अच्छी नहीं लगतीं ? भरे हुए तालाब और नदियां, चारों ओर झूमती हुई हरियाली किसका मन नहीं मोहती ? बरसात से अच्छा मौसम और कोई नहीं है।' चौथा सबसे छोटा लड़का क्या बताता ? तीन मौसम श्रेष्ठ बताए जा चुके थे लेकिन लड़का प्रबुद्ध था। उसने कुछ सोचा, फिर कहा-'पिताजी ! मैं समझता हूं- 'जो शान्ति से गुजर जाये, वही मौसम सबसे अच्छा है।' समस्या अशांति की शांतिपूर्ण जीवन मनुष्य की चिर अभिलाषा रही है। शांति बनी रहे यह सबसे अच्छी बात है। एक डॉक्टर ने कहा- 'महाराज ! मैं शरीर से पूरी तरह स्वस्थ हूं। कोई शारीरिक बीमारी नहीं है किन्तु मेन्टली अपसेट हूं। जाना चाहता हूं पूरब में किन्तु चला जाता हूं पश्चिम में। जो काम करना चाहता हूं, वह नहीं होता किन्तु उसके स्थान पर दूसरा कर डालता हूं। मानसिक दृष्टि से बहुत बीमार हूं।' बड़ी विचित्र बात थी-दूसरों की ४४ / विचार को बदलना सीखें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003130
Book TitleVichar ko Badalna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2005
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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