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विचार को बदलना सीखें
एक बगीचा। बगीचे में बहुत सारे फूल। खुशबू आ रही है और दूर बैठा आदमी हवा के गुणगान कर रहा है-कितनी बढ़िया हवा है, कितनी सुगंधभरी हवा है। कुछ दूरी पर एक दूसरा आदमी बैठा है। उधर कूड़े का ढेर है। वह आदमी तिलमिला रहा है। कह रहा है-कितनी दुर्गन्ध है। बदबू आ रही है, जी मिचला रहा है। सूचक है विचार हवा के साथ सुगंध भी आ रही है, हवा के साथ दुर्गन्ध भी आ रही है। वस्तुतः न हवा के साथ सुगंध है और न हवा के साथ दुर्गंध है। एक आदमी बैठा है। मन में बहुत अच्छे-अच्छे विचार आ रहे हैं। वह मन ही मन प्रसन्न हो रहा है कि आज कैसा अच्छा दिन उगा, जो इतने अच्छे विचार आ रहे हैं। शाम के समय वही आदमी बैठा है। अनिष्ट विचार, बुरे विचार आने शुरू हो गये। मन में बड़ा दुःखी हो रहा है। कह रहा है-आज न जाने किसका मुंह देख लिया, न जाने क्या हो गया, जो इतने खराब विचार आ रहे हैं। विचार न अच्छा है, न बुरा। विचार तो पवन है, हवा है। हवा का काम होता है पहंचा देना। विचार का काम है पहुंचा देना। विचार सूचक है। हमें सूचना देता है वह। भीतर में अगर अच्छाई चल रही है तो वह अच्छाई की सूचना दे रहा है। भीतर में अगर बुराई चल रही है तो वह बुराई की सूचना दे रहा है। आन्तरिक व्यक्तित्व का सूचक हमारे आन्तरिक व्यक्तित्व का सूचक है विचार । वह मात्र पवन का काम करता है। अगर फूल मिला तो सुगंध ले आयेगा। अगर कूड़ा-कचरा मिला
२२ / विचार को बदलना सीखें
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