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________________ अकेले की नहीं बनती और शक्तिशन्य जीवन किसी काम का नहीं होता। शक्ति संगठन के बिना आती नहीं। कहा गया-संघे शक्ति कलौ युगे।' इसके स्थान पर यह कहा जाना चाहिए- 'सघे शक्ति सदा युगे।' संघ में शक्ति तो हर काल में वांछनीय है। किसी काल विशेष में ही क्यों ? शक्ति आती है संगठन से। शरीर में एक टिशू या सेल शक्ति कहां से ला पायेगा ? अनेक सेल्स मिलते हैं, तब कहीं कोशिकाओं का संगठन बनता है और शक्ति आती है। संगठन में शक्ति है, यह त्रैकालिक सिद्धान्त है, यह केवल कलियुग की ही बात नहीं है। ___ संगठन और अनुशासन-दोनों के संस्कार बनने चाहिए। समाज में दोनों की अनिवार्यता है। शिष्ट समाज वही होता है, जो अनुशासन और संगठन को मान कर चलता है। जब आचार्य भिक्षु ने तीन साध्वियों को दीक्षित किया, तब उन्होंने साध्वियों से कहा-'देखो, तुम तीनों की दीक्षा हो रही है। संघ में तीन साध्वियां रह नहीं सकतीं। मान लो कोई एक स्वर्गवासी हो जाए तो दो को अनशन करना होगा। अगर इतना साहस हो तो तुम लोगों को दीक्षा लेनी चाहिए।' यह था उनका अनुशासन और अनुशासन की व्यवस्था। अनुशासन सामुदायिकता को चिरजीवी बनाने वाला है। वही संघ, समाज और संगठन चिरजीवी रह सकता है, जहां अनुशासन है। वही संगठन शक्तिशाली बनता है, जो अनुशासन के साथ चलता है। इसलिए इन दोनों को समान रूप से महत्त्व देना होगा। ये चार सूत्र हैं संस्कार-निर्माण के, जिनसे व्यक्ति स्वयं को संस्कृत कर सकता है। प्रश्न संतान को संस्कारित करने का दूसरा प्रश्न है-संतान को संस्कारित करने का। बच्चों के संस्कारों का निर्माण कैसे करें ? शैशवावस्था और बाल्यावस्था में बच्चे के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए ? उसे क्या सिखाना चाहिए ? इस बात का ज्ञान प्रत्येक माता-पिता को होना जरूरी है। मां को तो प्रारम्भ से ही बैठना, चलना और फिर बोलना सिखाना पड़ता है। बच्चे के संस्कार ऐसे हों, जो जीवनभर कदम-कदम पर काम आएं। वे संस्कार हमेशा उसके लिए एक अच्छे मित्र और हितैषी का काम दे सकें। इसके लिए सर्वप्रथम आवेश १७४ / विचार को बदलना सीखें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003130
Book TitleVichar ko Badalna Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2005
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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