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कुछ विचारकों का मत है - हम आदम युग में लौटने की बात न सोचें किन्तु आर्थिक विकास और उपभोग का संयम कर एक संतुलित जीवनशैली को विकसित करें ।
यह मध्यम मार्ग है । अणुव्रत और अणुव्रत अनुशास्ता का चिन्तन इसके परिपार्श्व में चल रहा है । इस मध्यम मार्ग पर विचार करने के लिए इस कांफ्रेंस (Living in Harmony with nature on 17-21 December, 1995) की आयोजना की गई है
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१३६ / विचार को बदलना सीखें
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