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जैन दर्शन और विज्ञान विज्ञान ने अनेक सूक्ष्म नियमों की खोज की है। वैज्ञानिक जगत् में यंत्रों का जितना निर्माण हुआ है, यह सारा नियमों के अवबोध के आधार पर हुआ है। वैज्ञानिक वह होता है, जिसमें नियम को पकड़ने की, समझने की क्षमता होती हो । नियम को बनाने वाला कोई नहीं होता। नियम अनादि है, यूनिवर्सल है। जो इन नियमों को पकड़ता है, वह होता है ऋषि, वह होता है मुनि और वह होता है वैज्ञानिक । मुनि और वैज्ञानिक—दोनों पर्यायवाची शब्द हैं। मुनि का अर्थ है - ज्ञानी, नियमों का जानने वाला। मुनि शब्द 'मुणे ज्ञाने' धातु से निष्पन्न होता है । इसलिए मुनि का अर्थ ज्ञानी ही होना चाहिए। मुनि कहो या वैज्ञानिक कहो, कोई अन्तर नहीं पड़ता। मुनि होता है, जो नियमों को जानता है । वैज्ञानिक वह होता है, जो नियमों को जानता है । मुनि का अर्थ संयमी क्यों चल पड़ा, यह अन्वेषणीय है । संयम मुनि की क्रिया है, वह मुनि का अर्थ नहीं है ।
विज्ञान प्रत्येक नियम की खोज करता है । उसने प्रत्येक क्षेत्र के नियमों को जानने का प्रयास किया है ।
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आज के वैज्ञानिक ने अनेक सूक्ष्म नियमों की खोज की है। अपराधों को पकड़ने के लिए उन्होंने अनेक साधन अविष्कृत किए हैं। अपराधी को एक यंत्र के सामने खड़ा किया जाता है । अपराधी को, अपराध के विषय में पूछा जाता है । यदि वह झूठ बोलता है, तो यंत्र की (Lie detector ) की सुई घूमती है और भिन्न प्रकार का ग्राफ उभर आता है। यदि वह अपराध को स्वीकृति देता है तो भिन्न प्रकार का ग्राफ उभर आता है। यंत्र के माध्यम से यथार्थ जान लिया जाता है । इसका भी ठोस आधार है। यदि कोई व्यक्ति झूठ बोलता है, यथार्थ को छिपाता है तो उसके भीतर एक प्रकार की प्रक्रिया होती है, एक प्रकार के प्रकंपन होते हैं और जो सत्य बोलता है उसके भीतर भिन्न प्रकार की प्रक्रिया होती है, भिन्न प्रकार के प्रकंपन होते हैं । यंत्र का काम है प्रकंपनों को पकड़ना और उन्हें ग्राफ पर अंकित करना । उस अंकन के आधार पर निर्णय कर लिया जाता है कि अमुक अपराधी है और अमुक अपराधी नहीं है ।
अपराध की खोज केवल यंत्र ही नहीं, कुत्ते भी करते हैं । आज पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कुत्तों का उपयोग कर रही है और यह प्रमाणित हो चुका है कि कुत्ते इसमें शत-प्रतिशत सफल रहे हैं । कुत्ते को हत्या के स्थान पर या चोरी के स्थान पर ले जाया जाता है । कुत्ता वहां सूंघता है और उस गंध के आधार पर हजार मील पर जाकर भी अपराधी को पकड़ लेता है । आश्चर्य होता है कि कुत्ते को इतना ज्ञान कैसे हो जाता है ? हजार मील पर गये चोर को पकड़ पाना पुलिस के लिए भी कम संभव है तो भला कुत्ता उसे कैसे पकड़ लेता है
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