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________________ जैन दर्शन और विज्ञान : सत्य की मीमांसा २२५ एकेन्द्रिय जीव है, एक पंचेन्द्रिय जीव है। एक समनस्क है, एक समनस्क है। एक बहुत विकासशील है, एक बहुत अवरुद्ध विकास वाला है। यह जो विकास का तारतम्य है. भेद है वह सार कर्म के द्वारा होता है। प्रत्येक आत्मा की स्वभावगत समानता और कर्मकृत विविधता-निश्चय-नय और व्यवहारनय की दृष्टि से ये दोनों सचाइयां मान्य हैं। आचारांग सूत्र में कहा गया है-कोई आत्मा हीन नहीं है, कोई आत्मा अतिरिक्त नहीं है। इसका अर्थ है-वास्तविक दृष्टि में कोई आत्मा हीन नहीं, कोई अतिरिक्त नहीं। व्यवहार दृष्टि से हीन भी है और अतिरिक्त भी है। ये सारी सचाइयां कर्मवाद के सन्दर्भ में ही स्पष्ट हो पाती हैं। इसलिए कर्मवाद जैन दर्शन का एक प्रमुख सिद्धांत बन गया। उसका सहचारी सिद्धांत है पुरुषार्थवाद के कर्मवाद और पुरुषार्थवाद को आधार पर उसने ईश्वरवाद के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया। आधुनिक विज्ञान आधुनिक विज्ञान ने ईश्वर-कर्तृत्ववाद के स्थान में प्रकृति के नियमों को प्रतिष्ठित किया गया है। प्रकृति के सारे रहस्यों के उद्घाटन का दावा विज्ञान नहीं करता। अभी आत्मा, कर्म (पुद्गल) आदि के विषय में विज्ञान का अनुसन्धान जारी (३) कार्य-कारणवाद एक कपड़ा है। प्रश्न हुआ-कपड़ा किससे बनता है?' उत्तर मिला-रूई से बनता है।' 'रूई कहां से आई? कपास के पौधे से। कपास का पौधा किससे बना?" 'वनस्पति के जीव और पुद्गल-दोनों का योग मिला, कपास का पौधा बन गया।' __ कपड़े का कारण है रूई, रूई का कारण है कपास और कपास का कारण है जीव तथा पुद्गल का योग। प्रश्न और आगे बढ़ा-जीव किससे बना, परमाणु किससे बना। प्रश्न रुक जाता है, थम जाता है। इसका कोई उत्तर नहीं हो सकता। जीव के बारे में कोई कारण नहीं बताया जा सकता, परमाणु के बारे में कोई कारण नहीं बताया जा सकता। कारण की खोज यहां समाप्त हो जाती है। ___जीव कार्य नहीं है और उसका कोई कारण नहीं है। परमाणु कार्य नहीं और उसका भी कोई कारण नहीं है। तर्कशास्त्र का सिद्धांत है-हर वस्तु में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
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