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जैन दर्शन और विज्ञान खींचने में विवेकहीन बना देती है जो उच्च सिद्धान्तों को मानने वाले होते है । मद्यपान के परिणामस्वरूप वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खो देते हैं। यदि वे मद्यपान नहीं करते तो कदापि अपराध नहीं करते, पर मद्यपान के बाद वे अपना आपा खो देते हैं । वास्तव में वह सही और गलत में विवेक न कर पाने के कारण होता है । ऐसी स्थिति की तुलना ढलान में चलती हुई गाड़ी के ब्रेक फेल हो जाने से की जा सकती है । मद्यपान और वेश्यावृति
यौन अपराधों एवं व्यक्तिगत हिंसा के मामलों में भी शराब को ही मुख्य प्रेरणा के रूप में माना गया है । वेश्यावृति एवं मद्यपान के बीच गहन सम्बन्ध है । बालकों के साथ यौन अपराध में लिप्त होने वाले व्यक्ति प्रायः सुरापायी होते हैं । वे जितनी मात्रा में शराब अधिक पीते हैं, उसी मात्रा में अपराध भी तीव्रता से करते
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सुरापान को वैध कर देने का ही एक बड़ा अभिशाप वेश्यावृति है । इसका सम्बन्ध अधिकतर मदिरालयों से है । क्योंकि सड़कों पर घूमने वाले लोग अपना धन्धा चलाने के लिए सुरापान के स्थलों में प्रवेश करते हैं । कतिपय मद्य प्रतिष्ठान तो मात्र कामवासना की पूर्ति के ही अड्डे होते हैं जहां वेश्याओं से सम्पर्क ही एकमात्र लक्ष्य होता है ।
जियोन हैराल्ड नामक समाचार-पत्र में विशम हजरब्सेंक ने लिखा है - मदिरालय अबाध स्वातंत्र्य के दिनों की अपेक्षा हजारों गुणा अधिक विघातक और विनाशक सिद्ध हो रहे हैं । हमारे युवकों को पथभ्रष्ट करने के लिए उपवन ही शराब स्थल नहीं रह गये है, अपितु उनके साथ-साथ वेश्यालय भी सड़कों पर ही बस गये
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हैं । वेश्यालयों के साथ शारीरिक स्वास्थ्य किस हद तक जुड़ा हुआ है, इसे बताने की आवश्यकता नहीं है। हजारों-हजारों ही नहीं, लाखों-करोड़ों लोग अपने गुप्त रोगों का उपहार वेश्यालयों से ही प्राप्त करते हैं ।
विन्कोन्सिन राज्य विधानमण्डल ने १९१४ में महिलाओं में वेश्यावृत्ति आदि की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की थी । उसने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि महिलाओं और युवतियों के पतन, मादक पेय, शराब और व्यावसायिक दुराचार के बीच एक गहन सम्बन्ध है ।
सभी विशेषज्ञ इस तथ्य से सहमत हैं कि बाल- अपराध तथा अवैध संतानों की उपज का मुख्य अड्डा सुरागृह ही होते है । ९० प्रतिशत अवैध सन्तानें उन परिचयों का ही परिणाम होती हैं जो मदिरालयों में होता है। सहायक काउण्टी अटॉर्नी ल्युसिएन सेलवारे के अनुसार ऐसे मामले से संबंधित युवक युवतियों की
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