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जैन दर्शन और विज्ञान इसमे कोई संदेह नही है । पर यह सच है कि शराब और अराजकता के बीच एक गहरा सम्बन्ध है। शराबी आदमी अपने सामाजिक दायित्व के प्रति उदासीन रहता है। वह औसत आदमी की तुलना में ज्यादा अपराध करता है ।
मद्यपान और अपराध
अमरीका की एक जांच समिति ने १२ राज्यों के २७ कारागरों और सुधार गृहों में १३४०२ बंदियों का परीक्षण कर यह तथ्य निकाला है कि उनमें से ५० प्रतिशत से अधिक अपराध संयमहीनता के कारण किये गये थे । और वह संयमहीन सीधा शराब से जुड़ी हुई थी ।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जोसेफ केहन की पुस्तक 'Behind the Sins of Murder' के अनुसार हत्या के आधे केस केवल शराब के कारण होते हैं ।
सिटी कोर्ट के न्यायाधीश श्री ग्रेलिनर ने अपने सामने आये १०,००० मामलों की छानबीन करने के बाद बताया कि उनका ९२ प्रतिशत कारण शराब ही था ।
न्यायाधीश श्री विलियम आर. मैके ने नेशनल वायस ( ६ मार्च १९४७) में लिखा था-दस वर्ष तक प्रॉसिक्युटिंग एटॉर्नी एवं इतनी अवधि तक म्युनिसिपल एवं सुप्रीम कोर्ट- पीठों का काम करने के उपरान्त मेरा सुविचारित मत है कि जो भी व्यक्ति फौजदारी अदालत के सम्मुख सुनवाई के लिए उपस्थित होते हैं उनमें से ९० प्रतिशत मादक शराब के अत्यधिक उपयोग के कारण प्रत्यक्ष रूप से स्वयं ही ऐसे मामलों में लिप्त होते हैं ।
कुयाहोगा काउन्टी, ओहिया ने क्वीनलैंड में विस्तृत जांच करने के बाद अपने प्रतिवेदन में कहा - हमारी कार्यविधि में हमें डकैतियों के मामलों के सम्बन्ध में जो विपुल साक्षियां पेश की गयीं, उनसे प्रतिध्वनित होता है कि शराब का उसमें महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह ही वह स्थान है जहां डकैतियों का उद्भव होता है। आग लगाना, सेंध मारना, यौन अपराध, गोली चलाना, छुरा भोंकना, नर-हत्या, धोखाधड़ी गोपनीय हथियार रखना, मारपीट एवं वाहन सम्बन्धी कानून का उल्लंघन भी उसी में शामिल है
न्यूजर्सी राज्य की मद्यसारयुक्त पेय नियंत्रण राज्य आयुक्त फेडरिक बर्नेस्ट ने अपने भाषण में कहा था - अनादिकाल से पुलिस की चार समस्याएं रही हैं- अनैतिकता, जुआ, मादक द्रव्य और शराब ।
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