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________________ विज्ञान के संदर्भ में जैन जीवन-शैली धूम्रपान 'क्यों और कैसे छोड़ें? किसी भी समय जर्दा-धूम्रपान छोड़ने से निम्न लाभ होंगे : * हृदय रोग की संभावना कम होगी । * - रोग कम होगा तथा इसमें फायदा होगा । * निमोनिया, टी.बी. व अल्सर जैसे खतरनाक रोगों की संभावना कम होगी । * आपके बच्चों को आप के द्वारा धूम्रपान करने से होने वाली बीमारियां नहीं होगी । * कैंसर की संभावना घट जाएगी । * यौन क्षमता में काफी वृद्धि होगी । इच्छा शक्ति जर्दा - धूम्रपान छोड़ने में सबसे आवश्यक है और बिना पक्के इरादे के जर्दा - धूम्रपान छोड़ने की कल्पना भी नहीं की जा सकती । लेकिन इच्छा-शक्ति विकसित करने में जर्दा - धूम्रपान के घातक प्रभावों की सही जानकारी की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है । एक चिकित्सक बीमारी के समय रोगी को इस प्रकार की जानकारी देकर रोगी का मानस जर्दा - धूम्रपान के कुप्रभावों की ओर आकर्षित कर सकता है । लोग जर्दा - धूम्रपान क्यों शुरू करते हैं? धूम्रपान की शुरूआत अक्सर बचपन में होती है। कच्ची उम्र में इसके अधिकतर नौसिखिए परिणामों के बारे में अनभिज्ञ रहते हैं । प्राय: इसकी शुरूआत निम्न प्रकार से होती है : * उत्सुकता, जिज्ञासा एवं प्रयोग करने की लालसा । * दोस्तों को प्रभावित करने के लिए । श्वास * घर के बुजुर्गों द्वारा छोड़ी सिगरेट या बीड़ी को उठा कर कश खींचने की उत्सुकता से 1 * दोस्तों के साथ काम करने के बाद आराम करते समय । १७९ * * दांत के दर्द, बलगम की रूकावट, पेट में गैस व कब्ज जैसी बीमारी में आराम के लिए कुछ लोग जर्दा- धूम्रपान की शुरूआत करते है । अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में मेहमान को हुक्का या बीड़ी पिलाना सामान्य शिष्टाचार माना जाता है। काफी लोग इस सामाजिक चलन से धूम्रपान शुरू करते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
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