SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 176
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org शरीर का अंग १. दांत ' २. पंजे ३. जबड़े की गति ४. चबाने की क्रिया ५. जीभ ६. पानी पीने की क्रिया ७. आंतें ८. लीवर, गुर्दे ९. पाचक अंग में हाइड्रोक्लोराइड एसिड मांसाहारी नुकीले तेज़ नाखुन वाले केवल ऊपर नीचे हिलते हैं बगैर चबाए भोजन निगलते हैं खुरदरी (rough) जीभ बाहर निकाल कर लंबाई कम, शरीर की लम्बाई के बराबर; धड़ की लम्बाई से ६ गुनी; आंतें छोटी होने के कारण वे मांस के सड़ने व विषाक्त होने से पहले ही उसे बाहर फैंक देती हैं । अनुपात में बड़े; ताकि मांस का व्यर्थ मादा आसानी से बाहर निकाल सके मनुष्य की अपेक्षा दस गुना अधिक, जिससे मांस आसानी पच सकता है शाकाहारी चपटी दाढ़ वाले नाखुन तेज नहीं ऊपर नीचे, दाएं-बाएं, सब ओर हिलते हैं, भोजन चबाने के बाद निगलते हैं चिकनी (smooth) जीभ बिना बाहर निकाले, होठों से लंबाई अधिक; शरीर की लंबाई से ४ गुनी; धड़ की लंबाई से १२ गुनी; इसके कारण मांस को जल्दी बाहर नहीं फैंक पाती । अनुपात म में छोटे, ताकि मांस का व्यर्थ मादा आसनी से बाहर नहीं निकाल सकते कम, मांस को आसानी से नहीं पचा सकता १. जीन्स हीपकीन्स यूनिवर्सिटी के डॉ० एलन वाकर ने दांतों के माइक्रोस्कोपिक एनेलिसिस से यह पता लगाया है कि मनुष्य फल खाने वाले प्राणियों का वंशज है न कि मांस खाने वालों का । । विज्ञान के संदर्भ में जैन जीवन-शैली १६१
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy