________________
१४८
जैन दर्शन और विज्ञान है, विचार सात्त्विक होने लगते हैं, स्मरणशक्ति बहुत तेज हो जाती है।
__ शारीरिक कमजोरी इस कदर नहीं होती है कि उपवासकर्ता को खाट पर लेटना पड़े, बल्कि बहुत साधारण-सी दुर्बलता आती है। व्यक्ति घूम-फिर सकता है, अपने दैनिक काम बड़े मजे से कर सकता है। उपवास में प्रात:कालीन घूमना बहुत लाभ करता है।
भ्रमण से लौटने के बाद शक्ति और स्फूर्ति का अनुभव होता है। अनेक व्यक्ति तो टहलने के बाद हल्का व्यायाम भी करते है। लेकिन व्यायाम कोई जरूरी नहीं, टहलना ही काफी है। एक सप्ताह तक के छोटे उपवासों में तो दफ्तर या दुकान का काम भी आसानी से किया जा सकता है। अलबत्ता लम्बे उपवासों (३०-४०-५० दिन) में फिर भी आराम की जरूरत होती है। लेकिन कमजोरी की परेशानी तब भी नहीं महसूस होती। यदि उपवासकर्ता उपवास के महत्त्व को अच्छी तरह समझता है और उपवास पर उसकी आस्था है, तो उसे प्राय: उपवास में कोई दुर्बलता नहीं आती। अधिकांश लोगों को दुर्बलता न खाने के डर से पैदा हो जाती है।
उपवास-काल में शुरू के दिन भूख सताती है लेकिन यह असली भूख नहीं होती। क्योंकि तीसरे दिन यह भूख समाप्त हो जाती है। भूख के समय अधिक पानी पी लेने से उसका कष्ट मालूम नहीं होता। उपवास में दूसरे या तीसरे दिन जीभ पर सफेद मैल आ जाता है। कभी-कभी श्वास से बदबू भी आती है। दांतो में चिपचिपाहट पैदा हो जाती है। नये उपवासकर्ताओं को इन लक्षणों से भ्रम में नहीं पकड़ना चाहिए। ये लक्षण इस बात का सबूत होते है कि शरीर के विजातीय द्रव्य बाहर आ रहे हैं। फिर ये लक्षण अपने आप ही दूर हो जाते है। ज्यों-ज्यों शरीर की अंदरूनी सफाई होती जाती है, शरीर में हल्कापन, स्फूर्ति, उत्साह और नीरोगता अनुभव होने लगती है। विभिन्न रोग और उपवास
उपवास ऐसा उपचार है जो प्राय: सभी रोगों ने अपना चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। रोग चाहे नया हो अथवा पुराना, उपवास निश्चित रूप से उस पर काबू पा लेता है। हजारों केस ऐसे होते हैं, जिन्हें डॉक्टर, हकीम असाध्य मानकर जवाब दे देते हैं, वे ही रोगी उपवास से ठीक हो जाते हैं। दमा, बढ़ा हुआ रक्तचाप, बवासीर, एग्जिमा (चमला), मधुमेह ऐसे रोग माने जाते हैं, जिनका कोई इलाज नहीं होता। लेकिन न मालूम इस तरह के कितने पुराने और असाध्य रोग जैसे फसली बुखार, टाइफाईड (मियादी बुखार), चेचक जैसे रोगों में भी उपवास अपना चमत्कारपूर्ण प्रभाव दिखाता है। अमेरिका के डॉ. एडवर्ड डेबी ने अपने बच्चे का डिप्थीरिया जैसा घातक रोग उपवास से ठीक कर लिया था। कब्ज और कब्ज से पैदा होने वाले रोग में तो
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org