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जैन दर्शन और विज्ञान गई। फिर एक क्षण तो उसने मुड़कर देखा और सोचा भी “मैं घंटी बजाऊं तो ठीक ही रहेगा।'' लेकिन उसने घंटी बजाई नहीं। नीचे जब वह यह सोच ही रही थी कि ऊपर आइरीन को घंटी की इतनी जोर की आवाज सुनाई दी कि वह एकदम कूदकर बिस्तर से बाहर निकली और दरवाजे की ओर लपक गई।
___ यदि निश्चित रूप से यह कहा जा सके कि आइरीन की सहेली ने वास्तव में अनजाने में, घंटी नहीं बजाई थी तो यह तो स्वीकार करना होगा कि परा-सामान्य अन्तर्निहित है: किन्तु वह अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण है या मन:-प्रभाव यह निश्चित करना स्वयं परामनोविज्ञानियों के लिए कठिन है।
__ और सोवियत संघ के विज्ञानियों द्वारा खूब अच्छी तरह अध्ययन की हुई मादाम नेल्या मिखाइलोवा के जीवन की यह घटना (असली नाम नाइनेल कुलागिना) तो निस्संदेह परीकथाओं की तरह अविश्वसनीय है।
“एक बार मादाम मिखाइलेवा एक भोज पार्टी में गयी। वहां एक टेबुल पर डबलरोटी उससे कुछ दूर रखी हुई थी। उसने उसकी ओर एकटक लगातार देखना शुरू किया। कुछ ही मिनटों बाद डबलरोटी उसकी ओर सरकने लगी। जैसे ही वह टेबुल के छोर पर आई, मादाम मिखाइलेवा ने थोड़ा झुककर मुंह खोला और अगले ही क्षण परीकथाओं के अद्भुत अविश्वसनीय दृश्य की तरह वह डबलरोटी उसके मुंह में पहुंच गई।
मादाम मिखाइलेवा स्पष्टत: मन:प्रभाव अभिव्यक्त कर रही थीं। ____ कुशाग्रबुद्धि एवं आकर्षक व्यक्तित्व वाली महिला मादाम मिखाइलेवा ने सोवियत संघ के सर्वोच्च वैज्ञानिकों की देखरेख में अनेक बार विभिन्न प्रकार की वस्तुओं जैसे, कम्पास, धातु का बेलन, फाउन्टेन पैन, माचिस की डिबिया, कांच के कवर के नीचे रखी पांच सिगरेटों आदि को बिना उन्हें स्पर्श किये, हिलाने-डुलाने अथवा खिसकाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।
__१९६८ में 'मास्को प्रावदा' में मास्को विश्वविद्यालय के सैद्धान्तिक भौतिकशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. याटरलेस्टकी ने स्पष्ट कहा : "श्रीमति मिखाइलोवा ऊर्जा के एक नये व अज्ञात रूप का प्रदर्शन करती हैं और अनेक प्रकार के संशयों व आलोचनाओं के बावजूद हर वैज्ञानिक को, जिसने भी मादाम मिखाइलोवा का गम्भीर रूप से अध्ययन किया, इस मत से सहमत होना पड़ा।
मादाम मिखाइलोवा पर कोई साठ फिल्में तैयार हुईं जिनमें कि वे एक टेबुल पर पड़ी विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को मात्र उन पर अपनी दृष्टि केंद्रित १. ऑस्ट्रेन्डर रोला व स्क्रोडर लिन, 'साइकिक डिस्कवरीज बिहाइन्ड द आइरन कर्टेज,'
प्रिस्टस हॉल, न्यूयॉर्क १९७० ।
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