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________________ जैन दर्शन और परामनोविज्ञान १२९ २६. अक्षीणमहानस-हाथ के स्पर्श मात्र से भोजन को अखूट करने की क्षमता। २७. मनोबली-क्षणभर में विपुल श्रुत और अर्थ के चिंतन की मानसिक क्षमता। २८. वागबली-ऊंचे स्वर से सतत श्रुत का उच्चारण करने पर भी अश्रांत रहने की क्षमता। २९. कायबली-महीनों तक एक ही आसन बैठे या खड़े रहने की क्षमता। ३०. वैक्रिय-इनके अनेक प्रकार हैं(१) अणिमा-शरीर को छोटा बनाने की क्षमता। (२) महिमा-शरीर को बड़ा बनाने की क्षमता। (३) लघिमा-शरीर को वायु से भी हल्का बनाने की क्षमता। (४) गरिमा-शरीर को भारी बनाने की क्षमता। (५) अप्रतिघात-ठोस पदार्थों से भी अस्खलित गति करने की क्षमता। (६) कामरूपित्व-एक साथ अनेक रूपों के निर्माण की क्षमता।. ३१. आहारक-एक पुतले का निर्माण कर यथेष्ट स्थान पर भेजने की क्षमता। ३२. तेजस्–शारीरिक विद्युत् के द्वारा अनुग्रह और निग्रह करने की क्षमता। यह हठयोग और तंत्रशास्त्र में प्रसिद्ध कुंडलिनी शक्ति है। तेजालेश्या (कुंडलिनी) तैजस शरीर: अनुग्रह-निग्रह का साधन हम शरीरधारी है। शरीर दो प्रकार के हैं--स्थूल और सूक्ष्म । अस्थिचर्ममय शरीर स्थूल है। तैजस शरीर सूक्ष्म और कर्म-शरीर अतिसूक्ष्म है। हमारे पाचन, सक्रियता और तेजस्विता का मूल तैजस शरीर है। वह पूरे स्थूल शरीर में व्याप्त रहता है तथा दीप्ति और तेजस्विनी उत्पन्न करता है। विद्युत, प्रकाश और ताप-ये तीनों शक्तियां उसमें विद्यमान है। शरीर में दो प्रकार की विद्युत् है-घार्षणिक और धारावाही या मानसिक । घाणिक विद्युत् का उत्पादन शरीर करता है और धारावाही विद्युत् का उत्पादन मस्तिष्क करता है। मस्तिष्कीय विद्युत्-धारा स्नायु-मंडल में संचरित रहती है। वह ज्ञान-तंतुओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुंचाती है और उससे मिले निर्देशों का शारीरिक अवयवों के द्वारा क्रियान्वयन कराती है। इसका मूल हेतु तैजस शरीर है। यह शरीर प्राणिमात्र के साथ निरन्तर रहता है। एक प्राणी मृत्यु के उपरान्त दूसरे जन्म में जाता है। उसे अन्तराल गति में भी तैजस शरीर उसके साथ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003127
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni, Jethalal S Zaveri
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size15 MB
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