SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुभव जागे ६ क्या रासायनिक परिवर्तन घटित हो रहे हैं? मस्तिष्क में क्या-क्या घटित हो रहा है? 'बायोफीडबेक पद्धति में भी यंत्रों के द्वारा यही सब कुछ देखा जाता है, जाना जाता है। देखना, प्रेक्षा करना बहुत महत्त्वपूर्ण सूत्र है। पर देखना ही पर्याप्त नहीं है। दर्शन के साथ संकल्प-शक्ति का भी प्रयोग होना चाहिए। प्रक्रिया के तीन आयाम | देखना हमारी चेतना का उपयोग है किन्तु आत्मा का स्वभाव केवल चेतना ही नहीं है। आत्मा में तीन तत्त्व हैं-चेतना, शक्ति और आनन्द। हम चेतना का उपयोग करें, देखें और जानें। हम आत्मा के दूसरे तत्त्व 'शक्ति' का उपयोग करें और परिवर्तनों को घटित करें, स्वभाव को बदलें, आदतों को बदलें, दुःख देने वाले तत्त्वों को बदलें, प्रतिक्रियाओं को बदलें। इस शक्ति के अनेक आयाम हैं। हम संकल्प-शक्ति, कल्पना-शक्ति, इच्छा-शक्ति और एकाग्रता की शक्ति का उपयोग करें। हम चेतना के द्वारा जानते हैं, शक्ति के द्वारा दुःखों के निमित्तों को बदलते हैं तब आनन्द का अनुभव होता है। इस प्रकार तीन आयामों में हमारी प्रक्रिया पूरी होती है। यह समग्र प्रक्रिया है। ____एक बार वैज्ञानिकों ने कुछेक हृदय रोगियों को परीक्षण के लिए चुना। 'फीडबेक' के द्वारा उन्हें सूचना दी-'तुम्हारे हृदय की धड़कन बहुत बढ़ गई है। उसे मंद करो, नहीं तो मर जाओगे। मंद करो, मंद करो, मंद करो।' यंत्र की सूई घूमती है और यह बताती है कि हृदय की गति बहुत तेज है। वैज्ञानिक ने रोगी को सावधान कर दिया। अब रोगी ने सोचा कि कुछ अभ्यास किया जाए जिससे कि हृदय की गति मंद हो सके। तब उसे संकल्प-शक्ति या भावना का प्रयोग बताया जाता है। उसे कहा जाता है-'तुम अपने आपको बहुत हल्का अनुभव करो। रुई के फाहे जैसा हल्का अनुभव करो।' इस भावना के प्रयोग से हृदय की धड़कन मंद हो गई। एक महीने तक यह अभ्यास चला। फिर यंत्र का प्रयोग समाप्त और अपना अभ्यास चालू हो गया। हृदय की गति बदल गई। डॉक्टरों ने यंत्रों के आधार पर सूचना दी-'तुम्हारे हृदय की गति बहुत मंद है। उसे तेज करो, अन्यथा मर जाओगे।' रोगी ने संकल्प-शक्ति का प्रयोग किया। उसने दौड़ाने का संकल्प किया और सोचा-मैं तेज गति से दौड़ रहा हूं। कुछ ही समय के बाद हृदय की गति बढ़ गई, तेज हो गई। दूसरे एक रोगी ने विवाद करने का संकल्प किया और उसके हृदय की धड़कन भी तेज हो गई। प्रेक्षा और संकल्प-दो प्रक्रियाएं चलीं। प्रेक्षा से पता चल गया कि स्थिति क्या है। संकल्प-शक्ति का प्रयोग किया और परिवर्तन घटित हो गया। तीसरे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003126
Book TitleAppanam Saranam Gacchhami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy