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मानव हित के इन अनमोल रत्नों को ग्रन्थबद्ध करने की प्रेरणा पुण्यात्मा स्वर्गीय श्री गुलाबचन्द लूणिया तथा उनकी धर्मपत्नी स्व० श्रीमती मेहताब देवी लूणिया से मिली तथा इस ग्रंथ का सम्पूर्ण व्यय भार श्री गुलाबचन्द लूणिया चेरिटेबल ट्रस्ट, जयपुर ने वहन किया है। प्रथ को प्रकाशित करने में पूरे लूणिया परिवार का सहयोग अत्यंत सराहनीय है ।
विवेचक : संपादक • मुनि शुभकरण • मुनि दुलहराज
तृतीय संस्करण, १९८१
पैपरबैक संस्करण मूल्य : ४५ रुपये पुस्तकालय संस्करण मूल्य : ६० रुपये
प्रकाशक : तुलसी अध्यात्म नीडम्, जैन विश्व भारती, लाडनूं, चूरू (राजस्थान)
मुखपृष्ठ व कला निदेशक : गीता वढेरा
स्टूडियो सी-फोर्टी दिल्ली
मुद्रक : गणेश कम्पोजिंग एजेंसी द्वारा रूपाभ प्रिंटर्स, दिल्ली-३२ में मुद्रित
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