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वर्णन १५ वें उद्दे शक में सूत्र २४ से ५२ तक में वस्त्र का किया है ।
१८ वें उद्द े शक में कुल ७६ सूत्र हैं, जिनमें प्रारम्भ के २३ सूत्रों पर कम ज्यादा चूर्णि है, उनके बाद के ५१ सूत्रों पर चूर्णि नहीं है, उद्देशक के अन्त में चूर्णिकार - लिखते हैं
सूत्र २५ का उच्चारण करना जब तक उद्द ेशक समाप्त हो, इनका अर्थ १४ वें उद्द े शक में जैसे पात्र के साथ किया है वैसा १८ वें उद्दे शक में वस्त्र के साथ करना, इस प्रकार निशीथ के अनेक उद्द ेशकों के सूत्र नाम मात्र के फेर फार के साथ अन्यान्य उद्दे शकों में आए हैं और अनेक सूत्रों पर चूर्णि भी नहीं है, चूर्णिकार जहां सूत्र संख्या कम बताते हैं वहां सूत्र संख्या अनेक गुनी दृष्टिगोचर होती है, इससे प्रतीत होता है कि विशेष चूर्णि के बनने के बाद निशीथ के अनेक उद्दे शकों में नये सूत्र प्रक्षिप्त हुए हैं और उनका प्रक्षेप जाना भी जा सकता है ।
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