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________________ ४०४ कुलपक्ष श्रीचन्द्रावती वास्तव्य प्राग्वाट ज्ञातीय ठ० श्रीसावदेवसुत ठ० श्रीशालिग तनुज ठ० श्रीसागर तनय ठ० श्रीगागा पुत्र ठ० श्रीधरणिग भ्रातृ महं० श्रीराणिगमहं० श्रीलीला० तथा ठ० श्रीधरणिग भार्या ठ० श्रोतिहुणदेविकुक्षिसंभूतमहं० श्रीअनुपमदेवीसहोदर भ्रातृठ० श्री खीम्बसीह ठ० श्री आम्बसोह ठ० श्री ऊदल तथा महं० श्रीलीलासुतमह० श्रीलूणसींह तथा भ्रातृ ठ० जगसीह ठ० रत्नसिंहानां समस्तकुटुंबेन एतदीयसंतानपरंपरया च एतस्मिन् धर्मस्थाने सकलमपि स्नपनपूजासारादिकं सदैव करणीयं निर्वाहणीयं च ॥तथा।। श्री चंद्रावत्याः सत्कसमस्तमहाजन सकलजिनचैत्यगोष्ठि (ष्ठि) कप्रभृति श्रावकसमुदायः ॥ तथा उवरणी कीसरउलीग्रामीय प्राग्वाट ज्ञा० श्रे० रासल उ० आसधर, तथा ज्ञा० माणिभद्र उ० श्रे० पाल्हण तथा ज्ञा० श्रे० देल्हण उ० खीम्बसीह. धर्कट ज्ञातीय श्रे० नेहा उ० साल्हा तथा ज्ञा० धउलिग उ० आसचंद्र, तथा ज्ञा० श्रे० बहुदेव उ० सोम, प्राग्वाट ज्ञा० श्रे० सावड उ० श्रीपाल, तथा ज्ञा० श्रे० जींदा उ० पाल्हण धक्कंट ज्ञा० श्रे० पासु उ० सादा प्राग्वाट ज्ञातीय पूना उ० साल्हा तथा श्रीमाल ज्ञा० पूना उ० साल्हा प्रभृति गोष्टि (ष्ठि) काः । अमीभिः श्री नेमिनाथदेव प्रतिष्टा (ष्ठा) वर्ष ग्रंथि यात्रामष्टाहिकायां देवकीय चैत्रवदि ३ तृतीयादिने स्नपन पूजाद्युत्सवः कार्यः ॥ तथा कासहृदग्रामीय उसवाल ज्ञातोयश्रे० सोहि उ० पाल्हण, तथा ज्ञा० श्रे० सलखण उ० वालण, प्राग्वाट ज्ञा० श्रे० सांतुय उ० देल्हुय तथा ज्ञा० श्रे० गोसल उ० आल्हा, तथा ज्ञा० श्रे० कोला, उ० आम्बा तथा ज्ञा० श्रे० पासचंद्र, उ० पूनचंद्र, तथा ज्ञा० श्रे० जसवीर, उ० जगा तथा ज्ञा० ब्रह्मदेव, उ० राल्हा, श्रीमाल ज्ञा० कडुयरा, उ० कुलधर प्रभृतिगोष्टि (ष्टि) काः । अमीभिस्तथा ४ चतुर्थीदिने श्री नेमिनाथदेवस्य द्वितीयाष्टाहिकामहोत्सव: कार्यः । तथा ब्रह्माणवास्तव्य प्राग्वाट ज्ञातीय महाजनि० आंमिग उ० पूनड उसवाल ज्ञा० महा० धांधा, उ० सागर तथा महा० साढा, उ० वरदेव, प्राग्वाट ज्ञा० महं० पाल्हण, उ० उदयपाल ओइसवाल ज्ञा० महा० आवोधन० उ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003122
Book TitlePrabandh Parijat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1966
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size18 MB
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