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( ३५७ ) हंस, मोर, जल में रहने वाले पक्षी, बन्दर, बाज, भास पक्षी इनका वध करने पर द्विजाति एक रुपया दण्ड दे।
गधा, बकरी, भेड़, इन की हत्या की जाने पर पाँच माशा सुवर्ण का दण्ड करना और कुत्ता तथा सुअर का वध करने पर एक माशा सुवर्ण का दण्ड देना ।
साँप की हत्या में कृष्णलोह दंड का देना चाहिये । संवत स्मृति में हत्या का प्रायश्चित्त चक्रवाकं तथा क्रोञ्च, शारिकाशुकतित्तरीन् । श्येनगृध्रानुलूकांश्च, पारावतमथापि वा ॥१४७।। टिट्टिभं जालपादञ्च, कोकिलं कुक्कुटं तथा । एषां वधे नरःकुर्यादेकरात्रमभोजनम् ॥१४८॥ अर्थः-चकवा, क्रोञ्च, मैना, शुक, तीतर, वाज, गिद्ध, उलूक, कबूतर, टिट्टिभ, जालपाद पक्षी, कोयल और मुर्गा इन में से किसी एक की हत्या कर देने पर एक उपवास से शुद्ध होता है : पराशर स्मृति में पक्षिहत्या का प्रायश्चित्त क्रौञ्चसारसहंसांश्च, चक्रवाकं च कुक्कुटम् । जालपादं च शरभं, हत्वाऽहोरात्रतःशुचिः ॥३२॥ वलाका टिट्टिभो वापि, शुकपारावतावपि । अटीनवकघाती च, शुध्यतेऽनक्तभोजनात् ॥३३॥
अध्या० ६ पृ० २३३
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