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( ३०६ ) सप्तमी अष्टमी, नवमी और दशमी प्रतिमाओं से सम्बन्ध रखने बाले तपों का ही निरूपण करेंगे।
सप्त सप्तमिका प्रतिमा सप्तमी प्रतिमा सप्त रात्रि दिन की है, परन्तु इसे सात बार पाराधन करने से यह सप्तसप्तमिका कहलाती है । इसमें उपवास कुल ऊनपचास और भोजन दत्तियां एक सौ छयानवें होती हैं ।
पहले सप्तक में एक उपवास और पारणे में एक ही भोजन पानो की दत्ति ली जाती है। दूसरे सप्तक में प्रत्येक उपवास के पारणे में दो दो दत्तियां ली जाती हैं। तीसरे सप्तक में प्रत्येक उपवास के पारणे में तीन-तीन दत्तियां ली जाती हैं। चौथे सप्तक में प्रत्येक उपवास के पारणे में चार चार दत्तियाँ ली जाती हैं। पाँचवें सप्तक में प्रत्येक उपवास के पारणे में पांच-पांच दत्तियां ली जाती हैं । छ? सप्तक में प्रत्येक उपवास के पारणे में छः छः दत्तियां ली जाती हैं। सातवें सप्तक में प्र. क उपवास के पारणे में सात-सात दत्तियाँ ली जाती हैं। इस प्रकार सप्तसप्तमिका प्रतिमातप में उन-पचास उपवास और उन-पचास ही पारणा के दिन आते हैं। उन-पचास प रणा में कुल भिक्षा दत्तियां एक सौ छयानवें आती हैं, और यह सप्तसप्तमिका तप तीन महीना आठ दिन में सम्पूर्ण होता है ।
___ अष्ट अष्टमिका प्रतिमा तप सप्त सप्तमिका की ही तरह अष्ट अष्टमिका के पहले अष्टक के प्रत्येक उपवास के पारणे में एक एक दत्ति भोजन पानी की
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