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( ३८७ ) ली जाती है । इसी प्रकार दूसरे अष्टक में दो दो, तीसरे अष्टक में तीन-तीन, चौथे अष्टक में चार चार, पांचवें में पांच-पांच, छह में छः छः, सातवें में सात सात और आठवें में पाठ-पाठ भोजन पानी की दत्तियां ग्रहण की जाती हैं। इस प्रतिमा-तप में चौसठ उपवास और चौसठ ही पारणे आते हैं। भिक्षा दत्तियां कुल दो सौ अट्ठासी होती हैं । यह तप चार महीना आठ दिन में पूरा होता है।
नव नवमिका प्रतिमा तप नव नवमिका के प्रथम नवक में उपवास के पारणे एक एक, दूसरे नवक में दो दो, तीसरे में तीन-तीन, चौथे में चार-चार, पांचवें में पांच-पांच, छ8 में छः छः, सातवें में सात-सात, आठवें में आठ-आठ और नवें में नव-नव, भोजन पानी की भिक्षा दत्तियां ली जाती हैं । इसमें उपवास एकासी और पारणे एकासी आते हैं । भिक्षा दत्तियां चार सौ पांच होती हैं। यह प्रतिमा तप पांच महीने बारह दिन में सम्पूर्ण होता है।
दश दशमिका प्रतिमा तप इस प्रतिमा में प्रथम दशक के उपवास के पारणे में भोजन पानी की एक-एक दत्ति ली जाती है। इसी प्रकार दूसरे में दो-दो, तीसरे में तीन-तीन, चौथे में चार-चार, पांचवें में पांचपांच, छह में छः छः, सातवें में सात-सात, आठवें में आठ-आठ,
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