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( ३०५ )
उपवास, सात उपवास, नव उपवास, आठ उपवास, दश उपवास, नव उपवास, ग्यारह उपवास, दस उपवास, बारह उपवास, ग्यारह उपवास, तेरह उपवास, बारह उपवास, चौदह उपवास, तेरह उपवास, पन्द्रह उपवास, चौदह उपवास, सोलह उपवास, पन्द्रह उपवास, सोलह उपवास, चौदह उपवास, पन्द्रह उपवास, तेरह उपवास, चौदह उपवास, बारह उपवास, तेरह उपवास, ग्यारह उपवास, बारह उपवास, दश उपवास, ग्यारह उपवास, नव उपवास दश उपवास, आठ उपवास, नव उपवास, सात उपवास, आठ उपवास, छ: उपवास, सात उपवास, पांच उपवास, छः उपवास, चार उपवास, पांच उपवास, तीन उपवास, चार उपवास, दो उपवास, तीन उपवास, एक उपवास, दो उपवास, एक उपवास ।
इस महासिंह निष्क्रीडित तप में तप की एक परिपाटी में एकसठ तपः स्थान और एक-सठ पारणे आते हैं। तपः स्थानों की दिन संख्या ४६७ ( चार सौ सत्ताणवें ) में पारणा के दिन ६१ एक सठ मिलाने से कुल समय १ एक वर्ष, छः मास और अठारह दिन होते हैं । चारों परिपाटियों का सम्मिलित समय छः वर्ष दो मास बारह दिन होता है। इस तप में भी पारणा सर्व काम गुणित आहार से किया जाता है।
_भिक्षु प्रतिमा भिक्षुओं के अभिग्रह विशेष को भिक्षु प्रतिमा कहते हैं । भिक्षु प्रतिमाओं का निरूपण करके विस्तार नहीं करेंगे। यहां पर केवल
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