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________________ परिशिष्ट २ ३२३ स्वादवत्ति स्वाधीन भारत की आत्मसाधना' स्वाध्याय का महत्त्व हमें भीड़ को नहीं, कार्य को देखना है हर स्थिति में धैर्य और संतुलन आवश्यक हरिजन अछूत कैमे हुए ? हरिजन स्वयं उठने का प्रयास करें हार्दिक खमत-खामणा हिन्दू कौन ? हिन्दू : नया चिंतन, नई परिभाषा हिन्दुस्तान लोकतंत्रीय देश है हिंसक उपद्रव हिंसा-अहिंसा हिंसा और अन्याय के सामने हम कभी नहीं झुक सकते हिंसा की समस्या हिंसा कौन करता है ?' हृदय की भाषा १९ जन० ५८ वि० अग० ४७ १६ अग० ७० ३ अग० ५८ २. मई ७३ २९ जन० ६१ १० जून ६२ २३ सित० ७३ ६ दिस०८१ २६ दिस० ६५ १३ सित० ७० २६ नव ६७ १३ अग० ६७ २५ अक्टू० ७० १४ जून ७० १५ जून ६९ १९ अक्टू० ६९ अणुवत अग्नि परीक्षा : समाधान १ दिस०७० अणुव्रत आंदोलन किसलिए? १ अग० ८२ अणुव्रत आंदोलन के तीन मूल लक्ष्य १६ जुलाई ८१ अणुव्रत आन्दोलन चरित्र-जागृति और नैतिक-विकास का आन्दोलन है १५ नव० ५५ अणुव्रत और सांप्रदायिकता १ दिस० ६७ अणुव्रत के आगामी पचीस वर्ष अग० ७६ अणुव्रत दिवस १६ नव० ६९ १. १५-८-४७ स्वतंत्रता दिवस, विज्ञान भवन । रतनगढ़ । ३. १६-८-६७ अहमदाबाद । २. ९-१२-६५ विश्व हिन्दू परिषद्, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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