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आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण
विद्यार्थी दमितेन्द्रिय हो
१७ नव० ७४ विरोध : प्रगति का साधक
३ नव० ६८ विरोध भावना व्यक्ति की अपनी उपज होती है
२६ जन० ५८ विरोध में ही क्रांति है
१६ अक्टू० ४९ विवशता
९ जून ५७ विवशता ही जेल है
३ जन० ६० विवेक और साधना
२८ जून ६४ विवेक में धर्म है।
२१ जुलाई ६३ विश्व का महान शान्तिदूत
७ जून ६४ विश्व शान्ति में अणुव्रत का योग
१२ जून ६६ विसर्जन
२९ जून ६९ विसर्जन का अर्थ
१२ अक्टू० ६९ विसर्जन की पद्धति
१ मार्च ७० विसर्जन स्वस्थता का चिह्न है
१३ जुलाई ६९ वीतराग कौन है ?
५ अग० ६३ वीर कौन है ?
२ नव० ६९ वे ही मेरे आराध्य हैं
५ मई ६३ वैराग्य का अमिट रंग
५ अप्रैल ७० व्यक्ति अपने स्वार्थों का उत्सर्ग करना सीखे
२ मई ६५ व्यक्ति और संघ
१९ जन० ६९ व्यक्ति का संस्कार ही मूल बात
१९ अग० ५६ व्यक्ति के मूल्यांकन का आधार
८ दिस० ६३ व्यक्तिगत परिग्रह और सामुदायिक परिग्रह
५ मार्च ७२ व्यक्तिवादी मनोवृत्ति
१३ नव० ६६ व्यक्ति सुधार से ही शासन सुधार संभव है
१५ सित० ६३ व्यक्ति ही समष्टि का मूल
२७ जून ७१ व्यापकता की छाया में
७ जुलाई ६३ व्यापारियों से
१९ अप्रैल ५९ व्यापारी प्रामाणिक हो
जुलाई ६९ १. २८-६-६३ ।
४. १०-८-५६ अणुव्रत प्रेरणा समारोह, २. ७-९-६७ अहमदाबाद।
सरदारशहर। ३. ३०-८-६७ अहमदाबाद ।
५. २३-६-७३ सुजानगढ़ ।
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