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________________ शिक्षा और संस्कृति परीक्षा की नई शैली प्रौढ़ शिक्षा मुखड़ा मंजिल २ २१७ २०० १२० १७८ आलोक में नवनिर्माण सूरज बैसाखियां १४४ सूरज शांति के १५७ १६१ प्रवचन ५ समता समता २४५ शिक्षक शिक्षक का दायित्व अध्यापकों का दायित्व' शिक्षकों की जिम्मेवारी शिक्षक गुरु बने अध्यापक मानवकल्याण और शिक्षक समाज' अध्यापक निर्माता कैसे ? महामारी चरित्रहीनता की घर क्यों छोड़ना पड़ा? सुधार का मूल आध्यात्मिक संस्कृति और अध्यापक सफल मनुष्य जीवन शिक्षक होता है जीवन अध्यापकों से शिक्षा-शास्त्रियों से ज्ञानी सदा जागता है अध्यापकों का दायित्व विद्यार्थियों का निर्माण ही राष्ट्र-निर्माण है" सबसे बड़ी पूंजी परिमार्जित जीवनचर्या घर २५९ १८९ प्रवचन ११ सूरज प्रवचन ९ २२१ जन जन ५ जन जन लघुता संभल संभल घर घर १. ३-१०-७८ गंगाशहर। ६. ३१-१२-७७ लाडनूं । २. १९-१-५७ बिडला बिहार ७ ९-४-५४ देलवाड़ा। इंजीनियरिंग कालेज, पिलाणी । ८. ११-३-५५ नारायणगांव । ३. २०-८-५५ उज्जैन । ९. २३-८-५३ जोधपुर । ४. १५-४-५५ सन्तोषबाड़ी। १०. २३-३-५६ बोरावड़। ५. २८-८-५३ मारवाड़ टीचर्स यूनियन ११. अजमेर मेयो कालेज । जोधपुर की ओर से आयोजित १२. ८-४-५७ चूरू । शिक्षक सम्मेलन १३. २१-४-५७ चूरू । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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