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________________ शिक्षा और संस्कृति - ४० १३४ कुहासे १३३ १४० शीर्षक पुस्तक शिक्षा शिक्षा का उद्देश्य कुहासे शिक्षा का उद्देश्य : आध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्तित्व जब जागे शिक्षा की निष्पत्ति : अखंड व्यक्तित्व का निर्माण क्या धर्म विद्या की निष्पत्ति : विनय और प्रामाणिकता के संस्कार आलोक में शिक्षा का उद्देश्य : प्रज्ञा-जागरण आलोक में शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग का अवसर प्रायोगिक आस्था का निर्माण मुखड़ा शिक्षा की सार्थकता बैसाखियां जीवन और जीविका : एक प्रश्न बैसाखियां शिक्षा और जीवन-मूल्य बैसाखियां विद्याध्ययन का लक्ष्य नवनिर्माण साक्षरता और सरसता वैसाखियां शिक्षा जीवन-मूल्यों से जुड़े प्रज्ञापर्व शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ता प्रदूषण जब जागे शिक्षा का ध्येय संभल शिक्षा का आदर्श संभल सन्तुलन की समस्या : एक चिन्तनीय प्रश्न क्या धर्म विद्यार्जन का ध्येय प्रवचन ९ विद्या वही हैं। प्रवचन ११ विद्या किसलिए? प्रगति की १४६ १४९ १३९ १४२ ८७ २०८ १२८ १३८ २४८ १७७ १. ५-१२-५६ दिल्ली। २. २-१२-५६ दिल्ली। ३. १-७-५६ सरदारशहर ४. १५-९-५३ जोधपुर। ५. २५-३-५४ शिवगंज। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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