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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
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ने समाज में एक नयी क्रांति लाने का प्रयास किया है। एक हाथ के चूंघट में रहने वाली महिलाओं ने 'नए मोड़' के माध्यम से नयी करवट लेकर समाज में अपनी नयी पहचान बनायी है।
'नया मोड' पुस्तिका में आचार्य तुलसी ने सामाजिक कुरूढ़ियों की ओर समाज का ध्यान आकृष्ट किया है तथा जन्म, विवाह, मृत्यु के अवसर पर होने वाले आयोजन को जैन संस्कृति के अनुसार संयम से कैसे मनाएं, इसका दिशानिर्देश दिया है । इस पुस्तक में सामाजिक परम्पराओं में आई जड़ता को तोड़कर उनमें नवप्राण फूंकने का कार्य किया गया है।
पुस्तक का वैशिष्ट्य है कि यह केवल उपदेश ही नहीं देती, बल्कि जन्म-संस्कार, विवाह-संस्कार एवं मृत्यु-संस्कार का प्रायोगिक रूप भी प्रस्तुत करती है । इस पुस्तक से प्रेरणा पाकर समाज आडम्बर एवं प्रदर्शनमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा ले सकेगा तथा नए समाज की संरचना हो सकेगी, ऐसा विश्वास है।
नयी पीढ़ी : नए संकेत __ आचार्य तुलसी की आशाओं का केन्द्रबिन्दु है-'युवा समाज' । उनका मानना है कि युवकों के हाथ में यदि मशाल प्रज्वलित हो तो सामाजिक जीवन चमत्कृत हो उठता है। युवापीढ़ी को अनुशासित और संयमी बनाए रखने के लिए वे समय-समय पर दिशाबोध देते रहते हैं । 'नयी पीढ़ी : नए संकेत' पुस्तक दिल्ली में आयोजित युवक-प्रशिक्षण शिविर में प्रदत्त वक्तव्यों का संकलन है । इसमें ७ वक्तव्यों के अन्तर्गत धर्म, तेरापंथ, मानसिक शांति, ईश्वर, अनेकांत, विसर्जन आदि विषयों का विश्लेषण हुआ है । आकार-प्रकार में लघु होते हुए भी यह पुस्तक धर्म, दर्शन एवं सिद्धांत के बारे में नवीन सामग्री के साथ प्रस्तुत है ।
नवनिर्माण की पुकार आचार्य तुलसी धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महापुरुष हैं । अणुव्रत के माध्यम से उन्होंने सांस्कृतिक चेतना को जागृत कर मानव नवनिर्माण का बीड़ा उठाया है । राजधानी दिल्ली से लेकर छोटे-बड़े गांवों तक हजारों किलोमीटर की पदयात्राएं उन्होंने की हैं। 'नवनिर्माण की पुकार' पुस्तक में दिल्ली यात्रा के अनुभवों एवं कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण है । कई यात्रा-संस्मरण भी पुस्तक में अनायास ही जुड़ गए हैं। अनेक महान् राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के विचारों एवं उनके साथ हुए आचार्यश्री के वार्तालापों का समावेश भी इसमें कर दिया गया है।
आचार्य तुलसी के अनेक प्रवचनों का संकलन इसमें ऐतिहासिक क्रम
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