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आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण
उससे कम महत्त्व नहीं है । केवल लक्ष्मी और सरस्वती बनने से महिलाओं का काम नहीं चलेगा, उन्हें दुर्गा भी बनना होगा ।" इस खंड के सभी लेख नारी - जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले हैं तथा उसकी सोयी अस्मिता को जगाने वाले हैं ।
यह पुस्तक स्वस्थ समाज - संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है । पुस्तक में प्रतिपादित क्रांतिकारी विचार आने वाली शताब्दियों तक भी युवापीढ़ी को दिशादर्शन देते रहेंगे, ऐसा विश्वास है ।
धर्म : एक कसौटी : एक रेखा
भारतीय संस्कृति के कण-कण में धर्म की चर्चा है, इसलिए यहां अनेक धर्म और धर्माचार्य प्रादुर्भूत हुए । समय के अंतराल में धर्म जैसे निखालिस तत्त्व में भी कुछ अन्यथा तत्त्वों का समावेश हो जाता है, इसलिए उसकी कसौटी की आवश्यकता हो जाती है ।
आचार्य तुलसी ने धर्म को बुद्धि, तर्क और श्रद्धा की कसौटी पर कसकर उसका शुद्ध रूप जनता के समक्ष प्रस्तुत किया है । 'धर्म : एक कसौटी : एक रेखा' पुस्तक में उन्होंने इसी परिप्रेक्ष्य में चिंतन किया है । इसकी प्रस्तुति में वे कहते हैं- "धर्म की कसौटी है- मानवीय एकता की अनुभूति । हृदय और मस्तिष्क पर अभेद की रेखा खचित होते ही धर्म परीक्षित हो जाता है । अहिंसा का आधार अभेद बुद्धि है । मानवीय एकता की अनुभूति इसी की एक लय है । इसी लय में मैंने अनेक समस्याओं का समाधान देखा है ।"
सम्पूर्ण पुस्तक तीन अध्यायों में विभक्त है । प्रथम अध्याय में अध्यात्म के विविध परिप्रेक्ष्यों की चर्चा है । दूसरा अध्याय जैन धर्म से संबंधित है तथा तीसरा अध्याय 'विविधा' के रूप में है । इसके प्रथम खंड में 'पत्र एवं प्रतिनिधि' शीर्षक के अन्तर्गत अनेक शहरों में हुई पत्रकार वार्ताओं का समावेश है । द्वितीय खंड 'व्यक्ति' में अनेक गणमान्य एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों, श्रावकों के बारे में आचार्यश्री के उद्गार संकलित हैं । तृतीय 'मत- अभिमत' में लगभग ११ पुस्तकों के बारे में लेखक की सम्मति प्रकाशित है । चतुर्थ 'संस्थान' खंड में विभिन्न संस्थानों एवं सम्मेलनों के लिए दिए गए संदेशों एवं विचारों का संकलन है । इनमें कुछ संदेश संस्कृत भाषा में भी हैं ।
पंचम 'पर्व' खंड में कुछ विशेष 'नैतिक संदर्भ' खंड में एक, दो आदि समावेश है । पुस्तक में समाविष्ट लेखों सोचने की प्रेरणा भी है ।
उत्सवों के बारे में तथा अंतिम शीर्षकों से नैतिक विचारों का में वेधकता तो है ही, कुछ नया
मुनि दुलहराजजी द्वारा संपादित इस पुस्तक में विविध विधाओं में
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