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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
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पृष्ठ इस पुस्तक में प्रतिबिम्बित हैं । प्रस्तुत कृति में अनुभवों की इतनी सहज अभिव्यक्ति हुई है कि पाठक पढ़ते ही उससे तादात्म्य स्थापित कर लेता है । पुस्तक के प्रायः सभी शीर्षक साधनापरक हैं।
___आचार्यश्री स्वयं इस पुस्तक के प्रयोजन को अभिव्यक्ति देते हुए कहते हैं-'खोए सो पाए' को पढ़ने वाला साधक अपने आपको पूर्ण रूप से खोना, विलीन करना सीख ले, यह उसके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है।" संक्षेप में प्रस्तुत कृति अपने घर को देखने, संवारने और निरन्तर उसमें रह सकने का सामर्थ्य भरती है।
गृहस्थ को भी अधिकार है धर्म करने का
भगवान् महावीर ने साधु-संस्था को जितना महत्त्व दिया, उतना ही महत्त्व गृहस्थवर्ग को भी दिया तथा उनके लिए धार्मिक आचार-संहिता भी प्रस्तुत की है। इस पुस्तक के प्रारम्भिक लेखों में अहिंसा, सत्य आदि पांच व्रतों का विवेचन है, तत्पश्चात् धर्म और दर्शन के अनेक विषयों का संक्षेप में विश्लेषण किया गया है। साधारणतः तात्त्विक एवं दार्शनिक साहित्य जनसामान्य के लिए रुचिकर नहीं होता क्योंकि इनका विषय जटिल और गम्भीर होता है लेकिन आचार्य तुलसी की तत्त्व-प्रतिपादन शैली इतनी सरस, सरल और रुचिकर है कि वह व्यक्ति को उबाती नहीं । इतने संक्षिप्त पाठों में गम्भीर विषयों का प्रतिपादन लेखक की विशिष्ट शैली का निदर्शन है। जहां विषय विस्तृत लगा उसको उन्होंने अनेक भागों में बांट दिया हैजैसे -... 'श्रावक के विश्राम', 'श्रावक के मनोरथ' आदि।
___आचार्य तुलसी अपने स्वकथ्य में इस कृति के प्रतिपाद्य को सटीक एवं रोचक भाषा में प्रस्तुत करते हुए कहते हैं- "कुछ लोगों की ऐसी धारणा है कि धर्माचरण और तत्त्वज्ञान करने का ठेका साधुओं का है। गृहस्थ अपनी गृहस्थी संभाले, इससे आगे उनको कोई अधिकार नहीं है । इस धारणा को तोड़ने के लिए तथा गृहस्थ समाज को इसकी उपयोगिता समझाने के लिए अब 'गृहस्थ को भी अधिकार है धर्म करने का' पुस्तक पाठकों के हाथों में पहुंच रही है। जैन दर्शन के सैद्धांतिक तत्त्वों की अवगति पाने के लिए, श्रावक की चर्या को विस्तार से जानने के लिए तथा बच्चों को धार्मिक संस्कार देने के लिए इसका उपयोग हो, यही इसके संकलन की सार्थकता
इस कृति में १११ लघु पाठों का समावेश है। प्रत्येक पाठ अपने आपमें पूर्ण है तथा 'गागर में सागर' भरने के समान प्रतीत होता है । जैनेतर पाठकों के लिए जैनधर्म एवं उसके सिद्धांतों को सरलता से जानने तथा कलात्मक जीवन जीने के सूत्रों का ज्ञान कराने हेतु यह पुस्तक बहुत उपयोगी
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