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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
२०५ सरल हिंदी एवं अंग्रेजी अनुवाद कर दिया गया है। साथ ही आचार्यश्री ने सब सूक्तों एवं पदों की इतनी सरस एवं सरल व्याख्या प्रस्तुत कर दी है कि सामान्य व्यक्ति भी उनका हार्द समझ कर उसमें तन्मय हो सकता है ।
लघु होते हुए भी यह कृति अध्यात्मरसिक लोगों को अध्यात्म के नए रहस्यों का उद्घाटन कर उन्हें आत्मदर्शन की प्रेरणा देती रहेगी ।
अशांत विश्व को शांति का संदेश यह संदेश २९.६.४५ को सरदारशहर से लंदन में आयोजित 'विश्व धर्म सम्मेलन' के अवसर पर प्रेषित किया गया था। इस ऐतिहासिक संदेश में आज की विषम स्थिति का चित्रण करते हुए प्राचीन एवं अर्वाचीन युद्ध के कारणों पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही शांति की व्याख्या और उसकी प्राप्ति के उपायों का विवेचन भी बहुत मार्मिक शैली में हुआ है। अंत में विश्वशांति के सार्वभौम १३ उपायों की चर्चा है । इस कृति में करुणा, शांति, संवेदना एवं अहिंसा की सजीव प्रस्तुति हुई है।
- आचार्य तुलसी के इस प्रेरक और हृदयस्पर्शी लेख को पढ़कर महात्मा गांधी ने अपनी टिप्पणी व्यक्त करते हुए कहा--"क्या ही अच्छा होता, जब सारी दुनिया इस महापुरुष के बताए हुए मार्ग पर चलती।"
___ यह संदेश निश्चित रूप से अशांति से पीड़ित मानव को शांति की राह दिखा सकता है तथा अणुअस्त्रों की विभीषिका से त्रस्त मानवता को त्राण दे सकता है।
____ अहिंसा और विश्वशांति हिंसा और अहिंसा का द्वन्द्व सनातन है । आदमी हिंसा के दुष्परिणामों से परिचित होते हुए भी हिंसा के नए-नए आविष्कारों/उपक्रमों की ओर अभिमुख होता जा रहा है, यह बहुत बड़ा विपर्यास है। आचार्य तुलसी ने 'अहिंसा और विश्वशांति' पुस्तिका में अहिंसा के वैज्ञानिक स्वरूप को प्रकट किया है तथा शांति प्राप्त करने के उपक्रमों को व्याख्यायित किया है । जो व्यक्ति अहिंसा को कायरों का अस्त्र मानते हैं, उनकी भ्रांति का निराकरण करते हुए वे कहते हैं ---"कायरता अहिंसा का अंचल तक नहीं छू सव.ती । सोने के थाल बिना भला सिंहनी का दूध कब और कहां रह सकता है ? अहिंसा का वास वीर हृदय को छोड़कर और कहीं नहीं होता। वीर वह नहीं होता, जो मारे, वीर वह है, जो मर सके पर न मारे"। अहिंसक ही सच्चा वीर होता है, वह स्वयं मरकर दूसरे की वृत्ति को बदल देता है।"
अहिंसा के अमृत का रसास्वादन वही कर सकता है, जो उसके परिणाम को जानता है । लेखक की दृष्टि में सद्भावना, मंत्री, निष्कपटवृत्ति, हृदय की स्वच्छता -ये सब अहिंसा देवी के अमर वरदान हैं। इस पुस्तिका
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