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धर्म है प्रामाणिकता, सचाई। यदि बच्चों में नैतिकता नहीं जागी तो ये विडम्बना मात्र रह जाएंगी। बिना नींव का मकान होगा।
जिसमें प्रामाणिकता नहीं है, वह सच्चा धार्मिक नहीं होता और अच्छा नागरिक भी नहीं होता। प्रामाणिकता धार्मिक बनने के लिए ही नहीं, अच्छे सामाजिक और सफल व्यापारी बनने के लिए भी आवश्यक है। एक संकल्प करना है-'इयाणिं नो जमहं पुव्वमकासी पमाएणं'-अब मैं वह भूल नहीं करूंगा जो मैं आज तक अज्ञानवश और प्रमाद से कर रहा था।
प्रामाणिकता का मूल्य १२७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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