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८०/ भगवान् महावीर
की समस्याएं भी सुलझती हैं। उनकी अहिंसा कायर की अहिंसा नहीं है । वह योद्धा की अहिंसा है। अभय और पराक्रम उसके साथ जुड़े हुए हैं। उनकी निवृत्ति अकर्मण्यता नहीं है । वह कर्म के परिष्कार की अजेय शक्ति और मानसिक शक्ति का महान् साधन है । आज भी उनकी वाणी में विश्व शान्ति के पथ-दर्शन की क्षमता है, इसलिए हम सब उनके प्रति प्रणत हैं ।
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