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________________ आप लोग यह बात समझें कि नीयत का शुद्ध रहना कितना महत्त्वपूर्ण है। नीयत बिगड़ी कि स्थितियां बदलते वक्त नहीं लगता। अनुकूलताएं प्रतिकूलताओं में ढल जाती हैं। अपनी शुद्ध नीयत से यदि आय कम भी होती है तो चिंता की बात नहीं। नीयत बिगाड़कर यदि आपने अधिक भी अर्जन कर लिया तो वह आपके लिए उपयोगी सिद्ध नहीं होगा, बल्कि वह प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से कोई-न-कोई विकृति पैदा करेगा, आपके लिए नुकसानदेह सिद्ध होगा। बड़ा कौन ___ मजदूर लोगों को एक बात गंभीरता से समझ लेने की है। जब तक उनकी जीवन-शैली परिष्कृत नहीं बनेगी, उनकी समस्याओं का अंत नहीं आएगा। मैं पूछता हूं कि सुबह से शाम तक श्रम करनेवाला मजदूर भूखा क्यों। उत्तर स्पष्ट ही है। अधिकतर मजदूर शराब पीते हैं। कैसी बात है कि खाने को रोटी भले न मिले, पर शराब की बोतल तो चाहिए! मैं मानता हूं, रोटी शरीर के लिए आवश्यक है। उसके बिना काम नहीं चलता, पर क्या शराब भी आवश्यक है ? क्या उसके बिना भी काम नहीं चलता? मैं नहीं समझता कि जब मजदूर लोग अपने गाढ़े पसीने की कमाई का एक बड़ा हिस्सा शराब में खो देते हैं, तब उनकी गरीबी कैसे मिटे। फिर धूम्रपान, सिनेमा देखना, जुआ खेलना आदि प्रवृत्तियां भी तो व्यापक रूप में चलती हैं। ये भी उन्हें ऊपर न उठने देने में कम कारण नहीं हैं। मैं श्रमिकों से कहना चाहता हूं कि धन का आकर्षण छोड़कर इन दुर्व्यसनों से छूटने के लिए कृतसंकल्प बनें। आप लोग पूंजीपति को बड़ा क्यों मानते हैं ? यह मूल्य ही गलत है। जब तक बड़प्पन का मापदंड सही नहीं बनेगा, तब तक जीवन की दिशा सही नहीं बन सकेगी। आशा है, आप लोग अपनी दृष्टि बदलेंगे और जीवन को सही ढांचे में ढालने का प्रयत्न करेंगे। श्रीरामपुर ५ मार्च १९५९ कर्तव्य-पालन के प्रति सजग बनें - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003113
Book TitleJyoti Jale Mukti Mile
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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