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एक अणुव्रती किसी धर्म-संप्रदाय का अनुयायी होता हुआ भी सभी धर्मसंप्रदायों के प्रति सद्भाव रखेगा, किसी के प्रति घृणा या तिरस्कार की भावना नहीं रखेगा। अपेक्षा है, धार्मिक कहलानेवाले सभी लोगों की सोच और व्यवहार इस सांचे में ढले ।
आर्य समाज मंदिर, पटना ११ जनवरी १९५९
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ज्योति जले : मुक्ति मिले
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