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________________ चाहता हूं कि असंतुलित और अस्वस्थ दिमाग से आप धन-जन की रक्षा का दायित्व सही ढंग से कैसे निभा सकेंगे; अपने कर्तव्य का पालन कैसे कर सकेंगे। मुझे आपके उत्तर की अपेक्षा नहीं, क्योंकि वह बहुत स्पष्ट है। आप तो यह संकल्प करें कि हम मद्यपान नहीं करेंगे। महात्मा बुद्ध ने पांच शीलों में इसे एक शील बताया है। अन्यान्य धर्म-प्रर्वतकों ने भी इस दुष्प्रवृत्ति से बचने की प्रेरणा दी है। हम अणुव्रत-आंदोलन के माध्यम से यह बुराई छुड़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं। मैं पुनः आपको मद्यपान न करने का संकल्प करने की प्रेरणा देता हूं। इसके साथ ही आपको तीन संकल्प और करने चाहिए १. मैं रिश्वत नहीं लूंगा। २. मैं अपने प्राप्त अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करूंगा। ३. मैं जनता और सरकार को धोखा नहीं दूंगा। मैं मानता हूं, यदि ये चार बातें आप स्वीकार कर लें तो आपके जीवन में एक गुणात्मक परिवर्तन आ सकता है। __ उपस्थित अधिकारियों से एक बात विशेष रूप से कहना चाहता हूं। सामान्य पुलिसकर्मी आपके निर्देश में काम करते हैं। आपका उन पर सहज असर होता है। इसलिए आप ये चारों संकल्प अनिवार्य रूप से स्वीकार करें। इससे आपका जीवन तो अच्छा बनेगा ही, आपके नीचे काम करनेवाले पुलिसकर्मियों को भी सक्रिय प्रशिक्षण मिलेगा। मैं आशा करता हूं, अधिकारी और सामान्य पुलिसकर्मी सभी मेरे आह्वान पर गंभीरता से चिंतन कर सकारात्मक उत्तर देंगे। न्यू पुलिस लाइन्स, पटना ८ जनवरी १९५९ रक्षक स्वयं सुरक्षित बनें -- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003113
Book TitleJyoti Jale Mukti Mile
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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