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विजय-विजया की यह घटना संकल्प-शक्ति के प्रति आस्था जगानेवाली एक प्रेरक घटना है। इससे प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक भाई-बहिन को अपनी संकल्प-चेतना जगानी चाहिए। संकल्प मानसिक और वाचिक दोनों स्तरों पर हो सकता है। इसी प्रकार संकल्प स्वयं भी किया जा सकता है और गुरु-साक्षी से भी। हालांकि स्वयं के स्तर पर किया गया संकल्प भी महत्त्वपूर्ण है, पर गुरु-साक्षी से किए गए संकल्प में गुणात्मक दृष्टि से शक्ति अधिक होती है। इसलिए हमारे यहां गुरुसाक्षी से संकल्प करने को विशेष महत्त्व दिया गया है।
ज्योति जले : मुक्ति मिले
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