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यह एक छोटा-सा उदाहरण है, पर यह अणुव्रत-भावना को बहुत ही स्पष्ट करता है। आज लोग बुराइयां मिटाने के लिए अनेकविध कार्यक्रम बनाते हैं, पर जब तक मानव की आत्मा को प्रकाशित नहीं किया जाएगा, तब तक वे कभी मिटनेवाली नहीं हैं।
अतः बुराइयां मिटाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि पहले मानव की आत्मा को प्रकाशित किया जाए और उसे सही अर्थ में मानव बनाया जाए। फिर बुराइयां तो अपने-आप मिट जाएंगी। यही काम अणुव्रत-आंदोलन करना चाहता है और कर रहा है।
प्रकाश की आवश्यकता
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