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________________ ४ : अणुव्रत-आंदोलन : समय की मांग वर्षों की साध पूरी हुई पाटलिपुत्र एक ऐतिहासिक नगर है, प्रसिद्ध सांस्कृतिक केंद्र-स्थल है और बिहार प्रदेश की राजधानी है। यहां पहुंचकर मेरी वर्षों की साध पूरी हुई है, प्रतीक्षा को विराम मिला है, चित्त आह्लादित हुआ है। मैंने पूर्व में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब आदि प्रदेशों की भी यात्राएं की हैं, पर उन यात्राओं की प्रसन्नता की तुलना में आज यहां पहुंचने की प्रसन्नता कुछ अतिरिक्त ही है। यहां पहुंचकर मैं अपनेआपको सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। कारण स्पष्ट ही है। बिहार प्रदेश भगवान महावीर का प्रमुख विहार-क्षेत्र रहा है। ढाई हजार वर्ष पूर्व यहां के कण-कण में उनकी वाणी गूंजी थी। इसलिए इस भूमि के प्रति मेरे मन में एक विशेष आकर्षण का भाव रहा है। जब से मैंने बिहार प्रांत की सीमा में प्रवेश किया है, मैं इस बात का अनुभव कर रहा हूं कि यहां की ग्रामीण जनता के मन में महावीरवाणी के प्रति सहज श्रद्धा का भाव है। यदि कोई उसे वह वाणी, संदेशउपदेश सुनाता है तो वह बड़े प्रेम और ग्रहणशील मानस से सुनती है। वैसे भी ग्रामीण लोगों के जीवन में सहजता होती है। उनमें काम करना मेरी विशेष रुचि का विषय है। तेरापंथ के प्रणेता आचार्य भिक्षु ने कहा था-'साधुओ ! यदि तुम्हें धर्म-प्रचार करना है तो शहरी सुख-सुविधाएं छोड़कर गांवों में जाओ।' कैसी बात है कि दो सौ वर्ष पूर्व की उनकी बात आज नवीन-सी लगती है! जो तत्त्व सामान्य लोग वर्तमान में देखते हैं, महापुरुष उसे बहुत पहले ही देख लेते हैं। इसी लिए तो वे भविष्यद्रष्टा कहलाते हैं। अणुव्रत-आंदोलन का अभिप्रेत मैं अपने संपर्क में आनेवालों के समक्ष तथा प्रवचन-सभाओं में अणुव्रत-आंदोलन : समय की मांग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003113
Book TitleJyoti Jale Mukti Mile
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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