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एक नया उपक्रम
आचार्य भिक्षु प्रवर्तित तेरापंथ की द्विशताब्दी का पुण्य प्रसंग हमारे सामने है। उसे निमित्त बनाकर हमने कल से एक नया कार्य प्रारंभ किया है। वह कार्य यह है कि उस अवसर तक उन परिवारों की एक सूची तैयार की जाए, जो संघ द्वारा निर्मित/प्रस्तुत नया मोड़-प्रशस्त पथ स्वीकार करें। यह सामूहिक सुधार की दिशा में एक प्रयोग है। हम अब व्यष्टि-सुधार से समष्टि-सुधार की ओर अग्रसर हो रहे हैं। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्रप्रसाद ने भी अणुव्रत-आंदोलन के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है, जब अणुव्रत-आंदोलन को सामूहिक सुधार की दिशा में कार्य करना चाहिए। मैं मानता हूं, हमने जो उपक्रम शुरू किया है, उससे राजेंद्र बाबू की भावना साकार हो सकेगी। ___ जब अणुव्रत-आंदोलन प्रारंभ हुआ, तब मैंने स्वयं अपने हाथ से उन लोगों के नाम लिखने शुरू किए, जो अणुव्रती बनना चाहते थे। अब जबकि हम समाज-सुधार की दिशा में एक नया मोड़ ले रहे हैं, इस अभियान के साथ जुड़नेवाले लोगों की व्यवस्थित तालिका बनाना आवश्यक प्रतीत होता है। जो भी परिवार इसके साथ जुड़ना चाहे, वह अपना नाम दे सकता है।
कलकत्ता
१४ सितंबर १९५९
एक दिव्य महापुरुष : आचार्य भिक्षु
.२३७.
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