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करने लगे हैं। फिल्म निर्माता भी यह बात कुछ-कुछ समझ चुके हैं, अतः निम्नस्तरीय प्रदर्शन कम करने लगे हैं। अणुव्रत-आंदोलन मनुष्य का दृष्टिकोण व मानदंड बदलना चाहता है। उसका प्रयत्न है कि मनुष्य असंयम से मुड़कर संयम की ओर बढ़े। उसका घोष है-संयमः खलु जीवनम्-संयम ही जीवन है।
कलकत्ता
१८ जून १९५९
भारतीय संस्कृति का लक्ष्य : चरित्र-विकास
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