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________________ पत्रकारों से अपेक्षा अन्य वर्गों की तरह पत्रकार - समुदाय से इस संबंध में कुछ कहना चाहूंगा। आज के समाज में पत्रों व पत्रकारों का महत्त्वपूर्ण स्थान बन गया है। लोग जहां प्रातः काल उठकर गीता, रामायण आदि का पाठ किया करते थे, आज उनकी प्रथम निगाह समाचारपत्रों पर पड़ने लगी है। वर्तमान सामाजिक मूल्यों में मौलिक परिवर्तन अपेक्षित है । पत्रकार यह दायित्व सफलतापूर्वक निभा सकते हैं। वे चाहें तो भूतवाद के भयंकर ज्वालामुखी की ओर दौड़ते हुए संसार को अध्यात्मवाद के सरस उपवन की ओर सहज ही मोड़ सकते हैं। मैं उनसे विशेष रूप से कहना चाहूंगा कि वे अपना यह पेशा केवल व्यवसाय व अर्थलाभ की बुद्धि से न चलाएं। ध्यान रहे, पवित्र से पवित्र कार्य व्यवसाय - बुद्धि का रंग पाकर दूषित हो जाता है। अणुव्रत आंदोलन पत्रकारों के लिए भी कुछ व्रत निर्धारित करता है१. स्वार्थ, लोभ व द्वेषवश भ्रमोत्पादक व मिथ्या संवाद, लेख व टिपण्णी प्रकाशित नहीं करूंगा। २. किसी को बदनाम करने की धमकी देकर रुपए ऐंठने की कोशिश नहीं करूंगा। ३. भद्दे व अश्लील लेख, विज्ञापन, चित्रादि प्रकाशित नहीं करूंगा । अणुव्रत आंदोलन की सफलता का एक आधार यह भी है कि वह त्यागी और तपोधन साधुजनों द्वारा प्रेरित होता रहा है। लगभग साढ़े छह सौ साधु- - साध्वियां करीब सवा सौ दलों में विभक्त हैं और वे भारतवर्ष के प्रायः सभी प्रांतों में पाद- विहार करते हुए जन-जन को आध्यात्मिक और नैतिक प्रेरणा देते हैं। वे साधुजन जहां जन-जन को अणुव्रतों की शिक्षा देते हैं, वहां स्वयं जीवन में महाव्रत उतारकर चल रहे हैं। अणुव्रत आंदोलन किसी व्यक्ति व समाजविशेष का नहीं, अपितु सबका है। आशा है, सभी लोग इसे व्यापक बनाने में प्रेरणावान होंगे। आध्यात्मिक व नैतिक विकास ही वास्तविक विज्ञान है। Jain Education International For Private & Personal Use Only १९१० www.jainelibrary.org
SR No.003113
Book TitleJyoti Jale Mukti Mile
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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