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________________ तरह बड़ों से भी हो सकती है। मूलतः उसमें छोटे और बड़े का कोई भेद है ही नहीं। वह सभी से समान रूप से संबद्ध है। बेटे से बाप की आशातना हो सकती है तो बाप से भी बेटे की। सेवक से स्वामी की आशातना हो सकती है तो स्वामी से भी सेवक की। इसलिए मैं बड़ों से कहना चाहूंगा कि वे भी छोटों की आशातना से सलक्ष्य बचने का दृष्टिकोण बनाएं। छोटे तो बड़ों की आशातना से बचें ही। क्या है आशातना आप पूछेगे कि आशातना कहते किसे हैं। हां, यह बात समझ लेनी चाहिए। आशातना जैन-परंपरा का पारिभाषिक शब्द है। इसका अर्थ है-अशिष्ट व्यवहार करना, अनादर करना, तिरस्कार करना, व्यथित करना। संक्षेप में कहूं तो अनुचित व्यवहार करना। मैं समझता हूं, यदि व्यक्ति-व्यक्ति अनाशातना का सूत्र गहराई से पकड़ ले तो सामाजिक जीवन के अशांत होने का रास्ता ही अवरुद्ध हो जाए। कलकत्ता २७ मार्च १९५९ आशातना से बचें .१२५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003113
Book TitleJyoti Jale Mukti Mile
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size13 MB
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