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________________ ११. उदात्तीकरण क्रोध का प्यास लगी। नौकर से कहा-पानी लाओ। वह ठंडे पानी का गिलास ले आया। पानी पीया। प्रसन्न। दूसरे दिन प्यास लगी। नौकर पानी का गिलास ले आया। किन्तु पानी गरम था। मौसम भी गरम और पानी भी गरम, दिमाग ठंडा कैसे रहे? वह भी गरम हो गया। क्रोध में कहा—मूर्ख! जानता नहीं, क्या लाया है? यह पानी है या आग? पानी आग बन गया। ___ तीसरे दिन । प्यास लगी। नौकर से कहा, पानी लाओ। नौकर किसी दूसरे काम में लगा हुआ था। पानी लाना भूल गया। जब आधा घंटा बीत गया। उसे स्मृति हुई। पानी ले गया। मालिक स्वयं आग बन गया था। वह इतना गरमा गया कि शायद पानी भी उतना गरम नहीं होता। वह उबल पड़ा। प्रश्न है, वह क्यों उबला? क्रोध क्यों आया? __ आदमी में इच्छा उत्पन्न होती है। जब वह इच्छा पूरी हो जाती है तब वह प्रसन्न होता है। इच्छा पूरी नहीं होती है तो वह कुपित हो जाता है। क्रोध की उत्पत्ति का एक कारण है—इच्छापूर्ति में बाधा। एक दिन में अनेक इच्छाएं उत्पन्न होती हैं। वे पूरी हो जाती हैं तो बात समाप्त। पूरी नहीं होती हैं तो क्रोध उभर आता है। क्रोध कभी अपने पर होता है, अपने परिवार के लोगों पर, कर्मचारियों पर, पड़ोसियों पर होता है और कभी-कभी आगंतुक व्यक्तियों पर भी क्रोध आ जाता है। जो भी इच्छापूर्ति में बाधक बनता है उस पर क्रोध आ जाता है। कभी-कभी बाधक नहीं, किन्तु इच्छापूर्ति में साधक न बनने वालों पर भी क्रोध आ जाता है। वह कह उठता है, अरे! खड़े-खड़े क्या देख रहे थे, मेरा सहयोग नहीं किया! बस, उस पर भी गुस्सा आ जाता है। अरे, खड़े-खड़े देखने वाले का दोष ही क्या है! फिर भी वह क्रोध का शिकार बन जाता है। ___ इच्छापूर्ति में बाधा और इच्छापूर्ति में असहयोग—यह क्रोध की उत्पत्ति का एक कारण है। ___क्रोध की उत्पत्ति का दूसरा कारण है मनचाहा न होना। चाहता है कि ऐसा हो और वैसा नहीं होता है तो क्रोध आ जाता है। बच्चा होशियार है। पिता चाहता है कि वह परीक्षा में डिस्टिक्शन से उत्तीर्ण हो और यदि वैसा नहीं होता है, बच्चा अनुत्तीर्ण हो जाता है तो माता-पिता इतने कुपित हो जाते हैं कि बच्चे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003112
Book TitleSoya Man Jag Jaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages250
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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