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दृष्टि बदलें: सृष्टि बदलेगी
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जाए। आशीर्वाद भी मिले तो आयास के साथ ही मिले, अभ्यास के साथ ही मिले । सीधी मांग पूरी न हो। यदि सीधी मांग पूरी होगी तो मुफ्तखोरी का काफी अभ्यास है । और हिन्दुस्तानी आदमी में तो मुफ्तखोरी की वृत्ति ने गहरा संस्कार जमा रखा है। हर काम को मुफ्त में पाना चाहते हैं । बस कुछ भी करना न पड़े। आशीर्वाद बहुत अच्छी बात है । आयास और अभ्यास के साथ-साथ यह मिले तब तो अच्छी बात है। बिना अभ्यास और बिना आयास के साथ मिले तो वह आशीर्वाद भी खतरनाक बन जाता है ।
विद्यार्थी की लगन को देखकर सरस्वती प्रगट हो गई । कितना लगनशील है, कितनी चेष्टा और कितना प्रयत्न, निरन्तर ज्ञान की आराधना में लगा हुआ है। सरस्वती बोली, 'मैं प्रसन्न हूं । विद्यार्थी ! तू कुछ मांग ।' विद्यार्थी ने कहा, 'मुझे तो कुछ भी नहीं मांगना है।' बड़ा आश्चर्य हुआ कि देवता कहे कि मांग और सामने वाला कहे कि मुझे तो कुछ भी नहीं मांगना है । ऐसी घटना तो कभी - कभी ही घटित होती होगी। वर मांगने के लिए तो न जाने कहां से कहां, लाडनूं से लंदन चले जाते होंगे । वरदान मिलता हो तो मास्को जा सकते हैं और वाशिंगटन जा सकते हैं। कहीं से कहीं जा सकते हैं । अब स्वयं देवी प्रगट होकर सामने खड़ी है। और वह कहती है कि मांगो, पर विद्यार्थी कहता है कि मुझे नहीं चाहिए। देवी ने दूसरी बार और तीसरी बार कहा, पर विद्यार्थी नकारता ही रहा। देवी ने भी सोचा कि कोई अजीब व्यक्ति है । अन्त में कहा, अरे! कुछ तो मांग, मैं इतना कह रही हूं। विद्यार्थी बोला—–— मां ! मैं अपने श्रम से पढूंगा, मेहनत करूंगा, अभ्यास करूंगा और कुछ देना ही चाहती हो तो इतना वर दे दो कि यह जो दीपक जल रहा है, उसका तेल कभी समाप्त न हो । बस, यह सदा जलता रहे और इसके प्रकाश में मैं पढ़ता रहूं। इससे ज्यादा और मुझे कुछ भी नहीं चाहिए। मैं इसे बड़ा अर्शीवाद मानूंगा । '
इस प्रकार का विद्यार्थी और इस प्रकार का व्यक्ति आशीर्वाद पाने का अधिकारी है। मैं कुछ भी न करूं और सोया-सोया दुनिया का सबसे बड़ा विद्वान् बन जाऊं, महाराज! ऐसा आशीर्वाद दें, देवी ऐसा आर्शीवाद दो। मैं मानता हूं कि वह व्यक्ति आशीर्वाद मांगने का अधिकारी नहीं है, पात्र भी नहीं है और कोई भूल से ऐसे व्यक्ति को अशीर्वाद दे भी देता है तो वह शायद अपात्र में चला जाता है । आशीर्वाद के पीछे आयास और अभ्यास भी जरूरी है । हम अपने आयास के द्वारा और अभ्यास के द्वारा आशीर्वाद को प्राप्त करें ।
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