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६. सोया मन जग जाए
रात बीतती है। सूरज उगने को होता है और आदमी जाग जाता है। सोने के बाद जागना, यह निश्चित क्रम है। कोई भी आदमी २४ घंटा तक नहीं सोता। जो २४ घंटा सोया रहता है, वह मूछित माना जाता है। शरीर लम्बे समय तक सोया नहीं रह सकता। चेतना लम्बे समय तक सोयी रहती है। वह मूर्छा में रहती है। ध्यान का प्रयोजन है मन जागे, चेतना जागे। जागना विकास है, सोना हास है।
खलील जिब्रान ने अपने आपसे पूछा सभ्यता का जन्म कब हुआ? उत्तर मिला, जिस दिन आदमी ने बीज बोया उसी दिन सभ्यता का जन्म हुआ। धर्म या कर्तव्य का जन्म कब हुआ? जिस दिन बीज पर मेह बरसा कर्त्तव्य का जन्म हुआ। कला का जन्म कब हुआ? जिस दिन बीज फला, सौन्दर्य देखा, उसी दिन कला का जन्म हुआ। दर्शन का जन्म कब हुआ? जिस दिन मनुष्य ने अपने बोए हुए बीज को अधिक मात्रा में खाया, अजीर्ण हो गया और उसे मिटाने के लिए दिमागी कसरत की, तब दर्शन का जन्म हुआ। ___ बेचारा शरीर भारवाही है। बहुत भार ढोता है। वह तीन प्रकार के भार ढोता है। एक है चित्त या भावधारा का भार, दूसरा है इच्छा का भार और तीसरा है मन का भार। अकेला शरीर इन तीनों का भार ढोता है। शरीर नहीं चाहता कि अधिक मात्रा में खाया जाए। इच्छा नहीं चाहती कि कम खाया जाए। यह इच्छा और शरीर का संघर्ष सोए मन का लक्षण है। __ मन कंब सोया हुआ है? इसका लक्षण कया है? जब इच्छा और शरीर का संघर्ष चलता है तब प्रतीत होता है कि चेतना सोई हुई है, मन सोया हुआ है। ___ भार ढोते-ढोते बेचारा शरीर क्लांत हो जाता है। असमय में बूढ़ा हो जाता है। उसकी शक्तियां क्षीण हो जाती हैं। उसकी स्मृति सठिया जाती है, कुण्ठित हो जाती है। बुद्धि मन्द हो जाती है। एकाग्रता नहीं सधती। ___शरीर में बुद्धि की शक्ति है, स्मृति और एकाग्रता की शक्ति है। अतीन्द्रिय
चेतना की शक्ति भी इसमें है। इन सारी शक्तियों का उपयोग इसलिए नहीं होता कि इच्छाशक्ति ने शरीर को जर्जर बना डाला है। मन की शक्ति ने शरीर को बूढ़ा बना दिया है। यह बूढा बैल कितना भार ढोएगा? कैसे स्मृति की निर्मलता और बुद्धि की विशिष्टता रहे? कैसे अतीन्द्रिय चेतना जागे? कैसे
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