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सूक्ष्म शरीर और पुनर्जन्म
207 अन्तदृष्टि जागती है तब उसका साक्षात्कार किया जा सकता है। तीसरा है सूक्ष्मतर शरीर। यह कर्म शरीर अत्यन्त सूक्ष्म है। इन्द्रिय-शक्ति से इसे नहीं देखा जा सकता। यह अतीन्द्रिय ज्ञान का विषय है। आज के आनुवंशिक विज्ञान में जो 'जीन' की चर्चा है, वह कर्म-शरीर या सूक्ष्मतर शरीर के निकट पहुंचा देती है। आज यह निर्णयपूर्वक तो नहीं कहा जा सकता, किन्तु प्रारम्भिक कल्पना के रूप में कहा जा सकता है कि जिनेटिक इन्जीनियरिंग' की सारी चर्चा कर्म-शरीर के आसपास पहुंचाने वाली चर्चा है। 'जीन' को कर्म का एकरूप माना जा सकता है, जहां सारे संस्कार और सारी वृत्तियां संचित हैं और ये जीवन-यात्रा का नियमन करती हैं।
हम तीन स्तरों पर जीते हैं स्थूल शरीर के स्तर पर, सूक्ष्म शरीर के स्तर पर और सूक्ष्मतर शरीर के स्तर पर। यदि हम एक ही स्तर पर जीने की बात सोचते हैं तो कठिनाई पैदा होती है। तीनों स्तरों को समझने के लिये गहन अध्ययन, मनन और चिन्तन अपेक्षित है। ___ आदमी मूर्छा में जीता है। जब तक वह इन स्तरों के प्रति जागरूक नहीं बनता तब तक उसे सत्य का भान नहीं होता, उसे समाधान नहीं मिलता।
दो शराबी मिले। एक ने कहा शराब की आदत इतनी गहरी हो गई कि मुझे सोने के बाद तीन घंटे तक नींद ही नहीं आती। दूसरा बोला मेरे साथ यह कठिनाई नहीं है। मुझे तो सोते ही नींद आ जाती है, पर मुसीबत यह है कि सोते समय बिछौना ढूंढ़ने में मुझे तीन घण्टा लग जाता है।
दोनों समान हैं। जब तक जागरूक नहीं होता, तब तक नींद नहीं आती, विश्राम नहीं मिलता, समाधान नहीं मिलता। शराब की मादकता किसी को तीन घंटा बिछौना ढूंढने में लगा देती है और किसी को तीन घंटा नींद आने में लगा देती है। विश्राम, आराम, समाधान वहां मिलता है जहां पूरी जागरूकता आ जाती है। ___ आदमी स्थूल शरीर के प्रति बहुत जागरूक है। वह इसको तनिक भी कष्ट देना नहीं चाहता। प्रात: उठने से लेकर सोने तक वह इसका पोषण करता जाता है। बहुत सार-संभाल करता है। वैज्ञानिकों ने आंकडे निकाल कर बताया है कि आदमी पांच-सात घंटा शरीर के परिकर्म में लगाता है। स्थूल शरीर के प्रति आदमी बहुत जागरूक है। सूक्ष्म शरीर के प्रति भी वह कुछ जागरूक है। वह देखता है, शरीर की लालिमा कैसी है? कितना सुन्दर है? आदि-आदि। पर वह सूक्ष्मतर शरीर के प्रति कम जागरूक है। आदमी प्रतिभावान्, बौद्धिक, भला या अच्छा बनता है, पर इस शरीर से नहीं बनता। यह सारा स्थूल शरीर की
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