________________
सोया मन जग जाए
140
1
साधना अत्यधिक लाभप्रद होती है । द्वेषात्मक प्रकृति वाला आनन्दकेन्द्र पर लम्बे समय तक, द्वेष को बदलना है तो ज्योतिकेन्द्र पर लंबे समय तक ध्यान अपेक्षित होगा। यह विवेक आवश्यक है । हमारा यह दृढ़ अभिमत बन जाए कि किसी भी चरित्र को बदला जा सकता है पद्धति के द्वारा। कोरा ज्ञान और कोरा सिद्धान्त रूपान्तरण में उतना सहायक नहीं होता, जितना सहायक प्रयोग होता है । हम सिद्धान्त और प्रयोग—दोनों का सन्तुलन साधें ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org