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सोया मन जग जाए ___ एक व्यक्ति ने आकर कहा-अरे! मैं तुम्हारे ससुराल से आया हूं। बहुत दु:खद समाचार है कि तुम्हारी पत्नी विधवा हो गई। इतना सुनते ही वह रोने लगा। लोगों ने पूछा, रो क्यों रहे हो? वह बोला—रोऊ क्यों नहीं! मेरी पत्नी विधवा हो गई है। एक समझदार व्यक्ति ने कहा तुम जीवित बैठे हो, फिर तुम्हारी पत्नी विधवा कैसे हो गई? उसने कहा मेरे ससुराल का नाई आया था। क्या वह झूठ कहेगा?
ऐसी प्रकृति के व्यक्ति होते हैं, जो प्रत्येक बात को मान लेते हैं। कुछ व्यक्ति होते हैं जो बुद्ध्यात्मक चरित्र से युक्त होते हैं। वे हर बात पर सोच-समझकर फिर उसे मानेंगे। उनका चरित्र जिज्ञासात्मक या ज्ञानात्मक होता है। यह भी एक प्रकृति होती है।
कुछ व्यक्तियों का चरित्र वितर्कात्मक होता है। हर बात में वे तर्क करते हैं। उनका चित्त व्यवस्थित नहीं रहता, अनवस्थित होता है। उनका संदेह कभी नहीं मिटता। वे पग-पग पर संदेह करते रहते हैं और तर्क के जाल में फंसते जाते हैं। यह वितर्कात्मक चरित्र की अवस्था है।
इस प्रकार चरित्र के आधार पर मनुष्यों के छह नहीं, छह सौ विभाग किए जा सकते हैं। जितनी आकृतियां उतनी ही प्रकृतियां और उतने ही चरित्र।।
रागात्मक प्रकृति वाला आदमी संग्रह करता है, चाहे आवश्यक हो या न हो। वह बटोरना चाहता है। आदिम समाज में यह प्रवृत्ति नहीं थी। जो जिसके काम आ जाती आ जाती। अन्यथा ऐसे ही पड़ी रहती। न पदार्थ की चिन्ता और न उपयोग की चिन्ता। न वर्तमान की चिन्ता और न भविष्य की चिन्ता। जब समाज का विकास हुआ तब रागात्मक वृत्ति का भी विकास हुआ। राग बढ़ा। साथ ही साथ संग्रह की भावना बढ़ी। राग है इसलिए आदमी संग्रह करता है, अन्यथा नहीं करता। रागात्मकता के कारण ही व्यक्ति सुख-सुविधा को बटोरता है, भोगता है। हजार बार सुन लेने पर भी रागभाव से छुटकारा नहीं मिलता। ___ प्रश्न है—क्या रागात्मक प्रकृति को बदला जा सकता है? क्या संग्रह की समस्या का कोई समाधान है? क्या संग्रह के कारण उत्पन्न विषमता और उससे उत्पन्न तनाव और प्रतिक्रियात्मक हिंसा को कम किया जा सकता है? ये सारे प्रश्न आज के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उपाय का निर्देश दिया गया कि लोभ को संतोष से और राग को विराग से जीतो। पर प्रश्न है, संतोष और विराग आए कैसे? मैं जानता हूं, दूध में घी है और फूल में सुगंध है। पर उनको विलग करने का उपाय नही जानता हूं तो दूध से घी निकलेगा कैसे और फूल से सुगंध (इत्र) निकलेगी कैसे?
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